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धर्म-अध्यात्म
बिना जान-पहचान पता कर सकते हैं व्यक्ति का स्वभाव हथेली, उंगलियां और अंगूठे खोल देते हैं, कई राज जानिए कैसे
Admin4
23 May 2022 5:57 AM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में सामुद्रिक शास्त्र का भी बहुत अहम योगदान माना जाता है। कई लोग तो सामुद्रिक शास्त्र में इतने निपुण होते हैं कि व्यक्ति को देखते ही उसका आगे-पीछे सब बता डालते हैं।आपको बता दें कि शरीर की बनावट और कुंडली में आपके ग्रहों की स्थिति का आपस में गहरा संबंध होता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि आपका शरीर आपके कुंडली में ग्रहों की मजबूत और कमजोर स्थिति का प्रदर्शन करता है, जिसके आधार पर आपके बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है।
सामुद्रिक शास्त्र
अंगों की बनावट, लक्षण आदि सभी सामुद्रिक शास्त्र के अंतर्गत हैं, जिसके विषय में भारतीय ग्रंथों में बहुत विस्तृत रूप में लिखा हुआ मिलता है। यह खुशी का विषय है कि अब मनोविज्ञान में इन सब चीजों का प्रयोग प्रारम्भ हो गया है।
क्यों महत्वपूर्ण है सामुद्रिक शास्त्र?
सामुद्रिक शास्त्र के माध्यम से आप अपने मित्र से संबंध या लिंक बनाते समय इन बातों के माध्यम से आप उनके स्वभाव के विषय में जान सकते हैं। जिससे आप अपने अनुकूल लोगों के साथ संबंध बनाकर और उन्नति कर सकते हैं।
बच्चे की परवरिश करने में यह शास्त्र बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। अंगों से हाव- भाव की समझ बच्चों की परवरिश में बहुत काम आती है। कोमल हाथ वाले लड़के बेहद भावुक एवं कल्पनाशील होते हैं और उनकी एकाग्रता कमजोर होती है। वे डांटने या धमकाने से टूट सकते हैं पर यदि उन्हें विश्वास में लेकर उत्साहवर्धन करते हुए कुछ भी कहा जाए, तो बहुत मेहनत से अपना काम कर दिखाते हैं। सख्त हाथों वाली लड़कियां काफी निर्भीक होती हैं एवं उनमें सलाह को मानने की आदत का अभाव होता है। इन पर यदि अधिक गुस्सा किया जाए तो यह विद्रोह तक कर देती हैं।
जिन बच्चों के अंगूठे की जड़ अंगूठे के ऊपरी हिस्सों से पतली होती है, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, तथा जिनके अंगूठे की जड़ अंगूठे के ऊपरी हिस्से के बराबर होती है, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।
यदि बच्चों की उंगलियां गांठदार हैं तो बच्चों की तकनीकी समझ अच्छी होगी, तथा उनकी रुचि इंजीनियर तथा मेडिकल क्षेत्र में ज्यादा होगी, जबकि जिन बच्चों की उंगलियों का निचला सिरा मोटा और ऊपरी सिरा नुकीला होता है उनकी सामाजिक विषयों और साहित्य में विशेष दिलचस्पी होती है।
उंगलियां बता देती हैं राज
यदि व्यक्ति की अनामिका उंगली लंबी हो तो वह धनी व मेहनती होगा। ऐसे व्यक्ति महत्वाकांक्षी होते हैं तथा लाभ के लिए सदैव एक्टिव रहते हैं। हाथों की उंगलियां शरीर की लंबाई की अपेक्षा छोटी हों तो व्यक्ति के स्वभाव में धैर्य नहीं होता है। पतली, छोटी व सुंदर उंगली वाले बुद्धि के धनी होते हैं, बौद्धिक कार्य करते हैं, पत्रकार, लेखक, शिक्षक एवं कला क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मोटी, सख्त उंगलियां इसके विपरीत फल देती हैं, यानी इस तरह के व्यक्ति शारीरिक श्रम करने में मजबूत होते हैं। फौज, पुलिस आदि सैन्य विभागों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
अनामिका का तर्जनी उंगली से बड़ा होना अलग सोच, महत्वाकांक्षा, असीम ऊर्जा तथा साहस का संकेत है। तर्जनी से लंबी अनामिका व्यक्ति को बहुत नामचीन भी बनाती है। इसके साथ कनिष्ठा अनामिका के प्रथम पोर तक आनी चाहिए। जितने भी नामचीन, धनी व कला क्षेत्र में विश्व विख्यात हुए हैं, उनमें यह लक्षण पाया गया है। उदाहरण के रूप में अमिताभ बच्चन में यही स्थिति है
टिप्स पर बने शंख और चक्र
अलग-अलग उंगलियों की टिप्स पर बने शंख व चक्र जैसे अगल-अलग चिह्न भी व्यक्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। जिनकी उंगलियों में शंख है वह आध्यात्मिकता का सूचक होता है और चक्र भौतिकता को बताता है। यदि दसों उंगलियों में पांच-पांच उंगलियों में शंख चक्र बराबर हैं तो व्यक्ति संतुलित है, यानी उसमें आध्यात्मिकता और भौतिकता दोनों का संतुलन है। यह शंख चक्र हाथों की उंगलियों के साथ-साथ पैरों की उंगलियों पर भी पाए जाते हैं।
आपका अंगूठा कैंसा है?
अपने बारे में ही सोचने वाले लोगों का अंगूठा प्रायः मोटा और भद्दा होता है, ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। लंबा तथा ऊपरी सिरे पर पीछे की ओर थोड़ा सा झुका हुआ अंगूठा दृढ़ निश्चय, उच्च महत्वाकांक्षा एवं व्यावहारिकता का संकेत देता है। ऐसे लोग अपनी बात को पूरे जोर शोर से रखते हैं। इनकी तर्क क्षमता अच्छी होती है। लचीले अंगूठे वाले विनम्र होते हैं। लंबा अंगूठा किसी भी साधारण व्यक्ति को विशिष्ट भी बनाता है। जिस व्यक्ति के नीचे का पोर और ऊपर का पोर बराब
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