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धर्म-अध्यात्म
एकादशी के दिन जन्मे जातकों के साथ रखें इन बातों का ध्यान, पढ़ सकते मुसीबत में
Tulsi Rao
15 Jun 2022 9:17 AM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ekadashi Born People Nature: जन्म तिथि की बात होती है तो प्रायः लोग जन्म की तारीख समझते हैं लेकिन वास्तविकता में जन्म तिथि का अर्थ हिन्दू कैलेंडर के अनुसार किस तिथि को जन्म हुआ . हिन्दू कैलेंडर में कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष होता है यह दोनों पक्ष 15-15 दिन के होते हैं. कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या एवं शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं. आज हम लोग अलग अलग तिथियों में जन्में लोग के विषय में जानेंगे.
प्रतिपदा : पहली तिथि यानी प्रतिपदा तिथि में जन्म लेने वाले लोगों में पूरे परिवार को साथ लेकर चलने की क्षमता होती है. साथ ही यह अपने विषय में ज्ञानी होते हैं. संकट के समय यह अपना धैर्य नहीं छोड़ते हैं. आर्थिक स्थिति से भी मजबूत होते हैं.
द्वितीया : दूसरी तिथि यानी द्वितीया में जन्म लेने वालों का हृदय उदार होता है. लोगों की मदद करने के लिए सदैव ही तैयार रहते हैं. इनके अंदर दूसरों का कष्ट देखकर द्रवित होने का भाव बहुत अधिक होता है. सदाचारी और दानी व्यक्तित्व के धनी होते हैं. यह कर्म क्षेत्र में कठोर तप करने के पश्चात अपना कीर्तिमान स्थापित करते हैं।
तृतीया : तीसरी तिथि यानी तृतीया तिथि में जो लोग जन्में होते हैं उनके अंदर शारीरिक बल अधिक होता है. बुद्धिमान होने के साथ-साथ यह बलिष्ठ भी होते हैं. ऐसे लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करते रहना चाहिए. कैरियर में जन्म स्थान को छोड़कर दूसरी जगह सफलता प्राप्त करते हैं. सुख सुविधाएं एवं लग्जरी पसंद होने के कारण कई बार यह नशे की बुरी लत में फंस सकते हैं, इसलिए उनको सावधान रहना चाहिए.
चतुर्थी- चौथी तिथि यानी चतुर्थी में जन्म लेने वाले लोग छोटी-छोटी बातों में विवाद कर सकते हैं. इसलिए इन लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी विवाद में ना पड़े. साहसी होने के कारण चतुर्थी तिथि में जन्मे लोगों को सैन्य विभागों की परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए और देश के लिए अपने साहस एवं बल का प्रदर्शन करना सर्वोत्तम रहता है।
पंचमी : पांचवी तिथि यानी पंचमी के दिन जो लोग जन्म लेते हैं वह शारीरिक रूप से बहुत फिट रहते हैं वह अपने स्वास्थ्य को लेकर सदैव सजग रहते हैं. पारिवारिक जीवन सुखद एवं प्रफुल्लित रहता है अपने करियर में कठोर तपस्या करने के बाद इन्हें सम्मान प्राप्त होता है. ऐसे लोगों को सरकार के द्वारा भी सम्मान प्राप्त हो सकता है.
षष्ठी : छठी तिथि यानी सस्ती के दिन जन्म लेने वाले लोग प्रायः झूठ कम बोलते हैं अनावश्यक रूप से अपनी बातों को सत्य साबित करने के लिए गलत बात का सहारा लेना पसंद नहीं करते हैं मेहनत करने में यह पीछे नहीं हटते हैं और पराजित या असफल होने पर साहस नहीं छोड़ते हैं. निरंतर प्रयास करने के कारण अपने जीवन में सफल रहते हैं. बचपन में चोट लगने के कारण इनके शरीर पर चोट का निशान स्पष्ट रूप से दिखाई देता है.
सप्तमी : सातवीं तिथि यानी सप्तमी में जन्मे लोग अच्छी आदतों को बहुत जल्दी धारण करते हैं. बुरे बरताव को यह बिल्कुल नहीं पसंद करते हैं. धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं पूजापाठ एवं धार्मिक यात्राएं करने में सदैव आनन्दित रहते हैं. दूसरे के धन का प्रबंधन एवं उपयोग करने की भी संभावनाएं रहती हैं. वित्त संबंधित कार्य में कुशल होते हैं.
अष्टमी : आठवी तिथि यानी अष्टमी में जन्म लेने वाले लोग सुखी होते हैं. इनकी लिस्ट में सुख सुविधा सबसे ऊपर होती है. महिलाओं से प्रेम एवं उनका सम्मान करने वाले होते हैं. मन में चंचलता अधिक होने के कारण यह अक्सर निर्णय लेने में भ्रमित हो जाते हैं, इसलिए इन्हें विद्वान एवं विश्वसनीय सलाहकार रखने चाहिए. इस तिथि के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप भी प्राप्त हो सकती है.
नवमी : नवीं यानी नवमी तिथि में जन्म लेने वालों को अपनी वाणी पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. न चाहते हुए भी मुख से कटु वचन निकल जाते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि कटु सत्य भी न बोले. ऐसे लोगों को कोई बहुत ज्ञान दें तो उन्हें पसंद नहीं आता है. बहुत अधिक टोका टाकी बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं. ऐसे बच्चों के अभिभावकों को दूसरों की मदद करने की आदत बच्चों को जरूर सिखानी चाहिए.
दशमी : दसवीं यानी दशमी तिथि में जन्मा हुआ व्यक्ति धार्मिक होता है, ईश्वर पर अटूट श्रद्धा होती है. इनके भाग्य में सुख, संपत्ति, धन, वैभव आदि सब पर्याप्त मात्रा में होता है. इन लोगों को कविता सुनना एवं लिखना पसंद होता है. ऐसे लोगों को शस्त्र रखने की इच्छा होती है इसलिए यह लोग असलहा रख सकते हैं.
एकादशी : ग्यारहवीं यानी एकादशी तिथि को जन्म लेने वालों का हृदय निर्मल होता है. यह लोग संकट में फंसे लोगों की मदद करने में तनिक भी देरी नहीं करते हैं. आधी रात को भी यह दूसरों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. यह मुख से खरी बात करते हैं लेकिन हृदय से बहुत पवित्र होते हैं. यह प्रसन्न चित्त और शुभ कर्म करने वाले होते है ।
द्वादशी : बारहवी यानी द्वादशी तिथि में जन्में लोगों की रुचि कृषि में रहती है. जरूरी नहीं है कि यह लोग सदैव किसान ही हों. यह लोग किसी भी क्षेत्र में हो लेकिन कृषि से संबंधित बातें अक्सर करते हैं उदाहरण के लिए कहीं जॉब भी करते हैं तो रिटायर होने के बाद खेती करने का प्रयास करते हैं. ऐसा व्यक्ति अपने द्वारा बनाए हुए मकान में सुख से निवास करता है।
त्रयोदशी : तेरहवीं यानी त्रयोदशी तिथि जन्मा व्यक्ति को बहुत अधिक तामझाम नहीं पसंद होता है वह सादा जीवन जीने की इच्छा रखता है. यह व्यक्ति बहुत धनी भी हो तो भी यह आम आदमी की तरह जीवन जीता है. किसी भी चीज का अहंकार नहीं होता है. दिमाग से बहुत चतुर होते हैं अपने काम को बहुत अच्छे तरीके से करना पसंद करते हैं.
चतुर्दशी : चौदहवीं यानी चतुर्दशी में जन्म लेने लोग मजबूत हृदय के होते हैं. कई बार यह दूसरों के प्रति कुछ क्रूरता का व्यवहार कर देते हैं. इसलिए इस तिथि में जन्में लोगों को विनम्र रहने का प्रयास करना चाहिए. इनकी कोई आलोचना करे तो यह उसका बहुत विरोध करने लगते हैं, यहां तक की यह उस व्यक्ति को सदैव के लिए अपना दुश्मन मान लेते हैं.
पूर्णिमा : पूर्णिमा को जन्म लेने वाला जातक अच्छी संगत को पसंद करता है. उसका हृदय प्रसन्नता एवं प्रेम से भरा रहता है. सुख सुविधाओं को लेकर अधिक फोकस होते हैं. इस लिए अकसर यह लोग आलसी भी हो सकते हैं. अपने काम को बहुत मन लगाकर करते हैं लेकिन अक्सर यह कुछ काम को कल पर टाल देते हैं
अमावस्या : तीसवी यानी अमावस्या को जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने माता पिता एवं बड़ों का सम्मान करते हैं. यह हर बात पर चिंतन करने के बाद ही कोई कदम उठाते हैं. यह कोई भी लक्ष्य तय करते हैं उसको पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं. इनको समाज और मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है.
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