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चातुर्मास के दौरान विवाह या कोई अन्य शुभ कार्य नहीं होंगे?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हमारे देश में तीज त्योहार तथा बहुत से पर्व, धार्मिक अनुष्ठान आदि पंचांग एवं ज्योतिषीय गणना के अनुसार मनाए जाते हैं। परंतु कई बार हम लकीर के फकीर बनकर देश काल एवं परिस्थिति अनुसार उसे व्यावाहारिक नहीं बनाते तथा हजारों वर्षों की मान्यताओं से चिपके रहते हैं। कुछ ऐसी ही धारणा एवं मान्यताएं 20 जुलाई से 14 नवंबर के मध्य चलने वाले चातुर्मास या चौमासा अर्थात चार मास की अवधि का है जिसमें कोई भी मंगल कार्य- जैसे विवाह, गृहप्रवेश, व्यवसाय आरंभ करना आदि वर्जित माने जाते हैं।
देवताओं का यह शयनकाल देवशयनी 20 जुलाई, 2021 से 14 नवंबर देव प्रबोधिनी तक 4 मास चलेगा जिसके अंतर्गत शुभ कार्य वर्जित कहे गए हैं परंतु आधुनिक युग में ऐसा संभव नहीं है। इस मध्य ज्योतिष के अनुसार हर प्रकार के पर्व आएंगे और मनाए जाएंगे। मंगल कार्य सतयुग या अन्य युगों में चौमासा के समय वर्जित होंगे परंतु क्या कलयुग में चार महीने काम रोके जा सकते हैं? अतः धार्मिक कृत्य देश, काल, समय एवं पात्र के अनुसार परिवर्तित करके सुगम बनाए जाने की आवश्यकता है ,ऐसा मेरा व्यक्तिगत मत है क्योंकि पौराणिक काल में धार्मिक कार्यों को करने के अलावा कोई विशेष कार्य नहीं होता था परंतु आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं। कोराना काल ने वैसे ही दो साल से विवाह आदि पर ग्रहण लगा रखा है।
चौमासा एक धार्मिक आस्था, विश्वास एवं परंपरा का द्योतक है। वास्तव में इन दिनों बाढ़ आने, पानी दूषित होना, रास्ते बंद होने, बीमारियां फैलने, जंगल में जहरीले कीड़े मकौड़े पैदा होने ,वायरस फैलने आदि की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बदलते मौसम में शरीर में रोगों का मुकाबला करने अर्थात प्रतिशोधक क्षमता क्षीण हो जाती है। इन कारणों से पुरातन काल में, यात्रा करना या मंगल आयोजन करना जन हिताय में बंद कर दिया गया ठीक वैसे ही जैसे आधुनिक समय में समाज के लिए कोरोना काल में कुछ नियम बनाए गए हैं। यदि आपने रामायण धारावाहिक ध्यान से देखा हो तो उसमें भगवान राम चिंता व्यक्त करते हैं-चौमासा भी बीत चुका है, अब हमें लंका की ओर प्रस्थान कर देना चाहिए।
चार्तुमास की अवधारणा आदिकाल से चली आ रही है। उन दिनों सड़क मार्ग, रास्तों में ठहरने आदि की व्यवस्थाए नहीं थी। विवाह तथा अन्य शुभ कार्य खुले आकाश के नीचे ही होते थे। कोविड कालखंड 2020 से 2023 तक की एक अलग व्यवस्था को छोड़ कर ,आज आप वर्षा ऋतु में कहीं भी जा सकते हैं, विवाह आदि बंद हालों में कर सकते हैं। पंचांग के अनुसार जुलाई से लेकर नवंबर तक कई त्योहार आएंगे और मनाए जाएंगे, विवाहों के भी बहुत मुहूर्त हैं। हमारे पौराणिक ग्रन्थों में चतुर्मास के विषय में क्या कहा गया है, यह जानना भी आवश्यक है।