धर्म-अध्यात्म

शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से मिलेगी मुक्ति

Tara Tandi
17 Oct 2022 7:12 AM GMT
शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से मिलेगी मुक्ति
x

न्यूज़ क्रेडिट: livehindustan

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी नव ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। शनिदेव की चाल सभी ग्रहों में सबसे धीमी मानी गई है। शनिदेव को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में करीब ढाई साल का समय लगता है। शनिदेव को राशिचक्र पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगता है।

शनि देव की किसी राशि पर अशुभ दृष्टि होने पर उस राशि के जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या का अशुभ प्रभाव पड़ता है। जिन राशियों पर शनि की महादशा का असर होता है, उन्हें जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।
जनवरी 2023 में शनि गोचर-
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिदेव 13 जुलाई 2022 से मकर राशि में वक्री चाल चल रहे हैं। 23 अक्टूबर 2022 को मार्गी होंगे। 17 जनवरी 2023 को मकर राशि में शनिदेव रहेंगे और इसके बाद कुंभ राशि में आ जाएंगे। 17 जनवरी 2023 को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में आ जाएंगे। शनि के कुंभ राशि में आने से कुछ राशियों को शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से मिलेगी मुक्ति-
17 जनवरी 2023 को शनि राशि परिवर्तन होगा। शनि गोचर के साथ ही तुला व मिथुन राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। ऐसे में तुला, मिथुन व धनु राशि वालों को शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी। इस दौरान इन राशि के जातकों को नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है। मान-सम्मान मिल सकता है।

न्यूज़ क्रेडिट: livehindustan

Tara Tandi

Tara Tandi

    Next Story