धर्म-अध्यात्म

नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक क्यों जलाया जाता हैं, जानिए विस्तार से

Teja
30 Oct 2021 6:31 PM GMT
नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक क्यों जलाया जाता हैं, जानिए विस्तार से
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फाइल फोटो 

नरक चतुर्दशी के दिन यम की पूजा की जाती है.

जनता से रिस्ता वेबडेसक | नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) और दिवाली (Diwali) इस साल 4 नवम्‍बर को देशभर में मनाया जाएगा. नरक चतुर्दशी के दिन यम की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीप जलाने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. यही वजह से है नरक चतुर्दशी के दिन घर के मुख्य द्वार के बांई ओर अनाज की ढेरी रखकर इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाया जाता है. इसे जलाते समय यह ध्‍यान रखा जाता है कि दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रहे. नरक चतुर्दशी मनाने के पीछे एक प्रचलित पौराणिक (Narak Chaturdashi Story) कथा है.

नरक चतुर्दशी मनाने के पीछे की ये है पौराणिक कथा

एक समय भगवान कृष्ण अपनी आठों पत्नियों के साथ द्वारिका में सुखी जीवन जी रहे थे. उसी समय प्रागज्योतिषपुर नामक राज्य का राजा एक दैत्य नरकासुर था. उसने अपनी दैत्य शक्तियों से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु आदि सभी देवताओं को परेशान कर दिया था और साधुओं और औरतों पर अत्याचार करने लगा था. एक दिन स्वर्गलोक के राजा देव इंद्र कृष्ण के पास पहुंचे और बताया कि नरकासुर ने तीनों लोकों को अपने अधिकार में कर लिया है और वरुण का छत्र, अदिति के कुंडल और देवताओं की मणि छीन ली है. यही नहीं, वह सुंदर कन्याओं का हरण कर उनके साथ अत्‍याचार कर रहा है और उसके अत्याचार की वजह से देवतागण, मनुष्य और ऋषि-मुनि त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.

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