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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्यों चुना गया कूर्म द्वादशी का दिन? जाने
ज्योतिष न्यूज़ : राम भक्तों के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इसी पावन दिन पर हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम अपने बाल स्वरूप में अयोध्या के भव्य राममंदिर में विराजमान होंगे। इसके साथ ही भक्तों का लंबा इंतजार भी समाप्त हो जाएगा। लेकिन कई भक्तों की जिज्ञासा है कि …
ज्योतिष न्यूज़ : राम भक्तों के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इसी पावन दिन पर हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम अपने बाल स्वरूप में अयोध्या के भव्य राममंदिर में विराजमान होंगे। इसके साथ ही भक्तों का लंबा इंतजार भी समाप्त हो जाएगा। लेकिन कई भक्तों की जिज्ञासा है कि प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आखिर कूर्म द्वादशी की तिथि को ही क्यों चुना गया।क्योंकि यह तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है और साल 2024 में कूर्म द्वादशी 22 जनवरी को पड़ रही है इसी दिन भगवान राम के बाल स्वरूप की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा भी होने है तो आज हम आपको इसी विषय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
जानें क्यों खास है 22 जनवरी—
आपको बता दें कि 22 जनवरी 2024 को कूर्म द्वादशी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं इस तिथि पर सोमवार पड़ रहा है। ऐसे में यह शिव के लिए खास दिन है ऐसे में इस पावन दिन पर भगवान राम अपने नवनिर्मित अयोध्या राम मंदिर में विराजमान होंगे। धार्मिक तौर पर कूर्म द्वादशी बेहद खास मानी जाती है। क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लिया था जिसे कूर्म द्वादशी के तौर पर जाना जाता है।
यही कारण है कि यह तिथि श्री विष्णु को समर्पित है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कूर्म यानी कछुए को लेकर यह कहा जाता है कि इस सारी पृथ्वी का भार कूर्म ने अपनी पीठ पर उठा रखा है और प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्म माना गया है यानी मानवता के भार को संभालने का कार्य भगवान राम के कंधों पर है यही खास वजह है जो कूर्म द्वादशी तिथि पर ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया जाएगा।
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