- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- रविवार के दिन क्यों...
![रविवार के दिन क्यों नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी, जानिए रविवार के दिन क्यों नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी, जानिए](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/02/23/1513603--.gif)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय संस्कृति में किसी भी कार्य को करने से पूर्व उस कार्य को कब और कैसे करना चाहिए यह विचार किया जाता है. जिसे लोग मुहूर्त कहते हैं. मुहूर्त में काल के अवयवों के रूप में तिथि वार, नक्षत्र, योग एवं कर्ण आदि को महत्व दिया जाता है. इनमें से वार सर्वाधिक सुगम और सरल अवयव है. इसलिए इसे हर व्यक्ति अपने उपयोग में अपनी तरह लेता है और उसी अनुसार कार्य करने लगता है. सामान्यतया सात वारों में रवि, मंगल को क्रूर एवं शनि को अशुभ माना जाता है. स्थापना एवं निर्माणादि वास्तु के कार्यो में शनि को शुभ माना जाता है. भारतीय परंपरा में किसी वृक्ष एवं पौधे को अपने उपयोग के लिए लगाना, काटना या उसके पत्ते लेना आदि इस सभी कार्यों को मुहूर्त में ही करने की लोक परंपरा थी और कहीं-कहीं अभी भी है. वैद्य भी मुहूर्त के अनुसार औषधि, वनस्पति को निकालते थे. मुहूर्त की जटिलता एवं मुहूर्त के सबके लिए सुगम व सुलभ न होने के कारण आज भी वार का ही उपयोग सामान्य लोग करते हैं. मुहूर्त के प्रधान अवयव तिथि, वार आदि सभी विष्णु रूप माने जाते हैं.