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बाथरूम के वास्तु नियम : आधुनिक समय में अलग अलग तरीके और डिज़ाइन से घर बनाया जा रहा है। घर को अलग लुक देने के लिए किचन ,रूम में कई बदलाव कर रहे है। अगर बात करे बाथरूम की तो लोग आजकल घरों में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ बनाने लगे है। लेकिन माना जाता है अगर बाथरूम और टॉयलेट एक साथ बन जाएं तो इससे वास्तु दोष होने लगते हैं। वास्तु दोष के कारण परिवार के सदस्यों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घर में हमेशा कलेश और पैसे की तंगी रहती है इससे अगर बचना चाहते है तो जानिए कैसे बनाये बाथरूम और टॉयलेट .
1. स्नान घर और शौचालय को राहु और चंद्रमा का स्थान माना जाता है। चंद्रमा के दूषित होने पर कई प्रकार के दोष उत्पन्न होने लगते हैं। मानसिक अशांति बढ़ती है.
2. चंद्रमा मन और जल का कारक है और राहु अशुभ ग्रह है। इसका प्रभाव व्यक्ति के दिमाग और शरीर पर पड़ता है। परिवार में सामंजस्य की कमी होने की संभावना है।
3. लोगों की सहनशीलता कम हो जाती है। मन में एक-दूसरे के प्रति क्रोध और घृणा की भावना बढ़ती है। तो शौचालय और स्नानघर एक साथ होते हैं और परिवार में दरार शुरू हो जाती है।
4. शौचालय में स्नानघर और टॉयलेट सीट के बीच पर्दा या पार्टीशन लगाना चाहिए।
उपाय
1. नकारात्मकता को दूर करने के लिए आप साडू नमक और सेंगा नमक को एक कांच के कटोरे में रख लें। हर 15 दिन में नमक बदलें। नमक और कांच का संबंध राहु से होता है, ये दोनों चीजें राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करती हैं।
2. बाथरूम का प्रयोग न करें और उसे गंदा न छोड़ें। बाथरूम को हमेशा साफ रखें.
3. अगर बाथरूम और टॉयलेट एक साथ बने हैं तो उनके बीच पर्दा लगा दें