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धर्म-अध्यात्म
भक्तों की भीड़, बाबा विश्वनाथ के धाम में पूरे साल क्यों बनी रहती है, और इससे जुड़ी 7 बड़ी बातें,
Manish Sahu
17 July 2023 7:05 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: सप्तपुरियों में से एक काशी के बारे में मान्यता है कि यह भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई है और इसका कभी लोप नहीं होता है. 12 ज्योिर्तिलिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के धाम का क्या धार्मिक महत्व है, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
बाबा विश्वनाथ के धाम में पूरे साल क्यों बनी रहती है भक्तों की भीड़, जानें 7 बड़ी बातेसावन में काशी विश्वनाथ की पूजा का धार्मिक महत्व
‘वरुणा’ और ‘असि’ नदी के बीच में बसे बनारस या फिर कहें काशी में हैं बाबा विश्वनाथ का पावन धाम. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस शिव मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए पूरे साल शिव भक्तों की भारी भीड़ जमा रहती है. चुनावी जीत से लेकर आम जीवन में चमत्कार की ख्वाहिश लिए लोग यहां न सिर्फ देश बल्कि विदेश से खिंचे चले आते हैं. शिव की इस पावन नगरी में आपको क्या काले और क्या गोरे, क्या गरीब और क्या अमीर, सभी महादेव का मंत्र जपते नजर आते हैं. बाबा विश्वनाथ की जिस नगरी में गुडमार्निंग और नमस्कार के लिए भी सिर्फ महादेव कहकर संबोधित किया जाता हो आइए उनके पावन धाम से जुड़ी 7 बड़ी बातें जानते हैं.
जिस प्रकार वैष्णव परंपरा से जुड़े लोगों के लिए पुरी स्थित जगन्नाथ धाम है, वैसे ही शैव परंपरा से जुड़े लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित बाबा विश्वनाथ का धाम है.
काशी में स्थित ज्योतिर्लिंग को शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के रूप में इसलिए पूजते हैं क्योंकि वे सभी भक्तों को समान रूप से अपना आशीर्वाद देते हैं. देवी-देवता, दैत्य, किन्नर, गंधर्व से लेकर एक आम आदमी तक उनकी पूजा करके उनसे मनचाहा वरदान पा सकता है.
काशी स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस पावन ज्योतिर्लिंग में गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव को जल चढ़ाता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसकी बड़ी से बड़ी मनोकामना पलक झपकते पूरी हो जाती है.
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान भैरव जिन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है, उनके दर्शन के बगैर बाबा विश्वनाथ का दर्शन अधूरा माना जाता है.
हिंदू मान्यता के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर में आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी रामकृष्ण परमहंस, गोस्वामी तुलसीदास, संत एकनाथ, जैसे सिद्ध संतों ने दर्शन और पूजन किया था.
काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां दर्शन से सारे हर दुख दूर और पूजन से हर मनोकामना पूरी होती है. मान्यता यह भी है काशी में आने वाले हर भक्त को बाबा विश्वनाथ उनकी मुक्ति का तारक मंत्र प्रदान करते हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह कई बार टूटा और कई बार इसका पुननिर्माण हुआ. मान्यता है कि 11वीं सदी में राजा विक्रमादित्य ने बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर बनवाया था, जिसे बाद में मुगल शासकों द्वारा तोड़ दिया गया था. मंदिर के वर्तमान स्वरूप के की बात करें तो इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा करवाए गये पुननिर्माण के बाद हाल ही में इसका एक बार और सौंदर्यीकरण किया गया है.
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