धर्म-अध्यात्म

सुहागिनों को क्यों लुभा रही है 'सोजत की मेहंदी', जानें क्या है इसकी खासियत

Tulsi Rao
3 May 2022 4:53 PM GMT
सुहागिनों को क्यों लुभा रही है सोजत की मेहंदी, जानें क्या है इसकी खासियत
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Sojat Ki Mehandi Speciality: हिंदू धर्म में 16 ऋंगार का विशेष महत्व है. और इन 16 ऋंगार में मेहंदी भी शामिल है. किसी भी देवी की पूजा के समय उन्हें ऋंगार का सामान अर्पित किया जाता है. और इसमें मेहंदी भी होती है. किसी भी व्रत और त्योहार का मजा मेहंदी के बिना अधूरा सा लगता है. पहले तो महिलाओं में मेहंदी के डिजाइन का क्रेज होता है. लेकिन अब मेहंदी की किस्म को लेकर भी महिलाएं क्रेजी हो गई हैं. आज कल हर किसी को सोजत की मेंहदी खूब लुभा रही है.

सोजत की मेहंदी कोई नई नहीं है. मार्केट में मिलने से पहले ये बॉलिवुड सेलिब्रिटीज जैसे ईशा अंबानी, कैटरीना कैफ आदि के हाथों की शोभा बढ़ा चुकी है.लेकिन अब इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है और आम लगों में भी ये खासी फेमस हो गई है. तो चलिए जानते हैं क्या है सोजत की मेंहदी की खासियत.
सोजत की मेहंदी की खासियत
सोजत की इस मेहंदी की खासियत यह है कि ये केमिकल फ्री होती है. और हाथ पर रचने के बाद गहरा रंग छोड़ती है. इसका कारण यह है कि सोजत की मिट्टी में तांबे की मात्रा अधिक होने के कारण ये ज्यादा सुर्ख रंग छोड़ती है. इसलिए इसमें केमिकल मिलाने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती.
अक्षय तृतीया पर बाजारों में मची है सोजत की धूम
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज है यानी 3 मई को देशभर में अक्षय तृतीया का पर्व धूम धाम से मनाया गया है. इस पर्व पर सबसे ज्यादा धूम देखने को मिली सोजत की मेंहदी की. आप सोच रहे होंगे सोजत की मेहंदी ही क्यों? तो बता दें कि सोजत एक जगह का नाम है और यहां की ऑर्गेनिक मेहंदी महिलाओं को खूब लुभा रही है.
130 देशों में बिकेगी सोजत की मेहंदी
सोजत की मेहंदी का सुर्ख रंग और उसकी महक ने सभी मेहंदी को पीछे छोड़ दिया है. और यही वजह है कि महिलाओं के दिल में सोजत की मेहंदी ने अलग जगह बना ली है. बता दें कि सोजत और उसके आसपास रायपुर के कुल 60 हजार हेक्टेयर में सबसे ज्यादा किस्म की मेहंदी की पैदावार होती है. इतना ही नहीं, इस मेहंदी को 130 देशों में सप्लाई किया जाता है. जीयो का टैग लगने के बाद इसके डिमांड और ज्यादा बढ़ गई है.
क्या है रेट
सोजत की मेहंदी केमिकल फ्री होती है. इसलिए इसने सभी मेहंदियों को पीछे छोड़ दिया है. बाजारों में लगने वाली मेहंदी में केमिकल होते हैं, जिन्हें लगाने के बाद हाथों में जलन होने लगती है और दो दिन बाद ही मेहंदी मैल की तरह उतर जाती है. लेकिन ये आर्गेनिक मेहंदी आपके हाथों की शोभा कई दिन तक बनाए रखेगी. इसलिए ब्राइडल में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा. वहीं, व्रत जैसे करवा चौथ, वट सावित्री व्रत, तीज, राखी, अक्षय तृतीया, ईद आदि पर भी महिलाएं यही लगावान पसंद कर रही हैं.ये बाजारों में 200 रुपये प्रति किलों के भाव से बिकती है.


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