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धर्म-अध्यात्म
आखिर क्यों एकादशी तिथि के दिन नहीं तोड़नी चाहिए तुलसी की पत्तियां
SANTOSI TANDI
21 Jun 2023 2:08 PM GMT
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आखिर क्यों एकादशी तिथि
हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और इसमें विष्णु पूजन का विधान है। ऐसी मान्यता है कि यदि हम इस तिथि में पूरे भक्ति भाव से विष्णु जी का पूजन करते हैं तो मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
वहीं किसी भी एकादशी तिथि में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। तुलसी को विष्णु प्रिया माना जाता है और विष्णु जो को भोग अर्पित करते समय उन्हें भोग में तुलसी की पत्तियां अवश्य चढ़ाई जाती हैं, लेकिन एक बड़ा प्रश्न यह है कि क्या एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ी जा सकती हैं।
दरअसल, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी एकादशी तिथि में तुलसी माता भी भगवान विष्णु के लिए व्रत उपवास करती हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें कि एकादशी तिथि के दिन तुलसी की पत्तियां क्यों नहीं तोड़नी चाहिए और यदि आप विष्णु जी को भोग अर्पित कर रही हैं तो तुलसी की पत्तियां कैसे अर्पित करें।
एकादशी में तुलसी तोड़ना माता लक्ष्मी का अपमान
हिंदू मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि तुलसी को हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना पौधे और देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि इस विशेष दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ने से भगवान विष्णु भी नाराज हो सकते हैं।
एकादशी में तुलसी तोड़ना जीवन के लिए अशुभ संकेत
ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से घर में अपशकुन आ सकता है और जीवन में समस्याएं बढ़ सकती हैं। एकादशी में तुलसी की पत्तियां तोड़ने से व्यक्ति को कम से कम 11 सालों तक समस्याओं का सामना करना पद सकता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि तुलसी को पवित्रता और सौभाग्य का स्रोत माना जाता है।
तुलसी माता की होती है पूजा
एकादशी के दिन मुख्य रूप से माता तुलसी की पूजा की जाती है क्योंकि मान्यता या कि एकादशी में (एकादशी तिथि में चावल खाने की क्यों होती है मनाही) ही तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह हुआ था। इसी वजह से यदि कोई एकादशी के दिन तुलसी पूजन करता है तो उसे विशेष फलों की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ने से उन्हें शारीरिक नुकसान होता है जिससे आपको कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
एकादशी के दिन माता तुलसी रखती हैं निर्जला उपवास
यदि हम पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो किसी भी एकादशी के दिन माता तुलसी विष्णु जी के लिए निर्जला उपवास रखती हैं, इसी वजह से इस दिन तुलसी में जल चढ़ाने की भी मनाही होती है। यदि कोई इस दिन तुलसी तोड़ता है तो यह ईश्वर के अपमान जैसा होता है।
एकादशी के दिन तुलसी तोड़े बिना कैसे लगाएं विष्णु जी को भोग
चूंकि तुलसी की पत्तियों के बिना भगवान विष्णु को भोग स्वीकार्य नहीं होता है, इसलिए आप एकादशी तिथि लगने के एक दिन पहले ही तुलसी की पत्तियां तोड़कर रख लें।
इस दिन आप तुलसी के गमले के पास नीचे गिरी हुई पत्तियों को भी धोकर भोग में चढ़ा सकती हैं।
यदि आप मंदिर में पुजारी से प्रसाद में तुलसी की पत्तियां लाती हैं तो उनका इस्तेमाल भी दोबारा भोग लगाते समय कर सकती हैं।
यदि आपको एकादशी के दिन किसी भी वजह से तुलसी (तुलसी का पौधा घर में किस दिन लगाएं) की पत्तियां तोड़नी पड़ें तो इसे सम्मानपूर्वक प्रार्थना करते हुए और क्षमा मांगते हुए तोड़ें, लेकिन पत्तियां तोड़ने का उद्देश्य सिर्फ पूजा से जुड़ा हुआ ही होना चाहिए।
एकादशी तिथि के दिन आप तुलसी की विधि-विधान से पूजन कर सकती हैं, लेकिन इस दिन इसकी पत्तियां तोड़ने से बचना चाहिए, जिससे आपके जीवन में किसी तरह के नकारात्मक प्रभाव न पड़ें।
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SANTOSI TANDI
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