धर्म-अध्यात्म

क्यों एकादशी के दिन नहीं खानी चाहिए चावल? जानिए इसके पीछे का पैराणिक महत्व

Rani Sahu
11 Feb 2022 3:37 PM GMT
क्यों एकादशी के दिन नहीं खानी चाहिए चावल? जानिए इसके पीछे का पैराणिक महत्व
x
हिंदू धर्म (Hindu Dharam)में हर एक त्योहार और व्रत का अपना एक पुण्यदायी फल होता है

Jaya Ekadashi 2022: हिंदू धर्म (Hindu Dharam)में हर एक त्योहार और व्रत का अपना एक पुण्यदायी फल होता है, यही कारण है कि लोग इनको पूरी श्रद्धा से साथ मनाते भी हैं. सनातन धर्म में हर एक दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित माना जाता है. हर महीने में दो बार आने वाली यानी कि दोनों पक्षों में आने वाली एकादशी (Ekadashi) की पूजा भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं. इस व्रत को रखने से अनन्त फल की प्राप्ति होती है. एकादशी पर लोग घर में सुख और समृद्धि बनाए रखने के लिए व्रत (Ekadashi Vrat) को रखते हैं. आपको बता दें कि माघ माह की शुक्ल पक्ष को जो एकादशी पड़ती है उसको जया एकादशी कहा जाता है और इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु (Vishnu Vrat) को खुश करने के लिए पूजा की जाती है. जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2022) के व्रत के कुछ नियम भी होते हैं. इस बार 2022 में जया एकादशी 12 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है. तो ऐसे में जानते हैं क्यों नहीं खाने चाहिए एकादशी के दिन चावल…

क्यों नहीं खाने चाहिए एकादशी पर चावल
एकादशी पर चावल नहीं खाने चाहिए ये हम सभी को पता है, लेकिन क्यों नहीं खाने चाहिए इसके बारे में हम बताने जा रहे हैं.पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि मेधा ने माता शक्ति के क्रोध से खुद को बचाने के लिए जिस दिन अपने शरीर को त्यागा था और उनके अंग धरती में समाए थे, उस दिन एकादशी का दिन था. ऐसे में मान्यता है कि क्योंकि महर्षि मेधा ने बाद में जौ और चावल (Rice) के रूप में जन्म लिया था. इस कारण से ही इस श्रद्धालु चावल को जीव मानकर चावल का ग्रहण नहीं करते हैं. एक ये भी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करना महर्षि मेधा के मांस और रक्त के समान हैं. यही कारण है कि धार्मिक ग्रंथों में चावल के सेवन पर एकादशी के दिन मनाही है.
चंद्रमा का प्रभाव
एक और इसको लेकर मान्यता है कि चावल में पानी की मात्रा ज्यादा रूप में पाई जाती है.जबकि पानी पर चन्द्रमा का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है. इस कारण से चावल के सेवन से शरीर में पानी की बढ़ती है को फिर इसके साथ ही मन भी चंचल भी हो सकता है. जिस कारण से व्रत वाले दिन चावन नहीं खाने चाहिए.
जया एकादशी का शुभ मुहूर्त
1 – जया एकादशी व्रत की तिथि – 12 फरवरी 2 – जया एकादशी व्रत दिन – शनिवार 3 – जया एकादशी आरंभ – 11 फरवरी 1.53 मिनट 4 – जया एकादशी समाप्त – 12 फरवरी 4.28 मिनट 5 – जया एकादशी पारण समय – 13 फरवरी 9.30 (सुबह)
Next Story