धर्म-अध्यात्म

लाल रंग को क्यों माना जाता है हिन्दू धर्म में बेहद खास, पूजन और शुभ कार्यों में भी दी जाती है प्रमुखता

Ritisha Jaiswal
2 Jun 2021 7:50 AM GMT
लाल रंग को क्यों माना जाता है हिन्दू धर्म में बेहद खास, पूजन और शुभ कार्यों में भी दी जाती है प्रमुखता
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हिंदू धर्म में लाल रंग का बहुत महत्‍व है. बात चाहे पूजन के दौरान भगवान की मूर्ति के नीचे वस्‍त्र बिछाने की हो या सुहाग के रंग की हो या फिर अन्‍य शुभ कार्यों में प्रमुख रंगों के उपयोग की हो

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में लाल रंग का बहुत महत्‍व है. बात चाहे पूजन के दौरान भगवान की मूर्ति के नीचे वस्‍त्र बिछाने की हो या सुहाग के रंग की हो या फिर अन्‍य शुभ कार्यों में प्रमुख रंगों के उपयोग की हो, सभी में लाल रंग का उपयोग ही ज्‍यादा होता है. लाल के अलावा हिंदू धर्म में पीले और नीले रंग को भी खासी प्रमुखता दी गई है. इन्‍हीं तीन रंगों में हरा, केसरिया, नारंगी आदि रंग समाए हुए हैं. इनकी अहमियत को ऐसे भी समझ सकते हैं कि पंच तत्‍वों में से एक अग्नि की लौ में भी यही तीन रंग नजर आते हैं. आज जानते हैं कि लाल रंग की क्‍या खात बातें हैं.

- लाल रंग अग्नि, रक्त और मंगल ग्रह का भी रंग है
- लाल रंग उत्साह, सौभाग्य, उमंग, साहस और नए जीवन का प्रतीक है. हालांकि, लाल रंग उग्रता का भी प्रतीक है. लिहाजा जिन लोगों को क्रोध ज्‍यादा आता है, उन्‍हें लाल रंग के कपड़े कम पहनने की सलाह दी जाती है.
- हिन्दू धर्म में लाल रंग को सुहाग का रंग माना गया है, इसलिए विवाहित महिलाएं लाल रंग की साड़ी और लाल सिंदूर लगाती हैं.
यहां तक कि लाल रंग का संबंध प्रकृति (Nature) से भी है. आप देखेंगे तो पाएंगे लाल रंग या उससे मेल खाते रंगों के ही फूल सबसे ज्‍यादा पाए जाते हैं.

- लाल और केसरिया रंग सूर्योदय और सूर्यास्त के भी रंग है.
- लाल रंग माता लक्ष्मी का पसंदीदा रंग है. मां लक्ष्मी लाल वस्त्र पहनती हैं और लाल रंग के कमल पर शोभायमान रहती हैं. उनकी पूजन करने के दौरान भी लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर उनकी प्रतिमा रखकर की जाती है.
- रामभक्त हनुमान को भी लाल और सिन्दूरी रंग प्रिय हैं इसलिए उन्हें सिन्दूर अर्पित किया जाता है.
- मां दुर्गा के मंदिरों में भी लाल रंग का उपयोग सबसे ज्‍यादा किया जाता है.

- कहा जाता है कि यह रंग चिरंतन, सनातनी, पुनर्जन्म की धारणाओं को बताने वाला रंग है.
- हिंदू धर्म में विवाह के समय दूल्‍हा-दुल्हन के शादी के जोड़े में लाल रंग को ही प्रमुखता दी जाती है. इस रंग को उनके भावी जीवन में आने वाली खुशियों से जोड़ा जाता है.
-सुहाग, खुशी के अलावा केसरिया रंग त्याग, बलिदान, शौर्य, वीरता, ज्ञान, शुद्धता और सेवा का भी प्रतीक है. चाहे राम, कृष्ण और अर्जुन के रथों का ध्वज हो या शिवाजी की सेना का ध्वज हो, सभी का रंग केसरिया ही था.
- सनातन धर्म साधु-संन्यासी भी केसरिया रंग के वस्‍त्र ही पहनते हैं. यह उनके मोक्ष के मार्ग पर चलने के संकल्प को दर्शाता है. भगवा वस्त्रों को संयम, संकल्प और आत्मनियंत्रण का भी प्रतीक माना गया है.



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