धर्म-अध्यात्म

बसंत पंचमी के दिन ही क्यों की जाती है माता सरस्वती की पूजा...जाने इसके पीछे का महत्व

Subhi
3 Feb 2021 3:04 AM GMT
बसंत पंचमी के दिन ही क्यों की जाती है माता सरस्वती की पूजा...जाने इसके पीछे का महत्व
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अब से कुछ ही दिनों में सरस्वती पूजा आने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अब से कुछ ही दिनों में सरस्वती पूजा आने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी को पड़ रहा है. इस दिन ज्ञान और वामी की माता सरस्वती की विधि पूर्वक पूजा की जाती है. माता सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक का सत विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है. लेकिन बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है? आज हम इसके बारे में आपको बताते हैं.

बसंत पंचमी के दिन क्यों की जाती है सरस्वती पूजा?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान और वाणी की देवी माता सरस्वती माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थीं. इसी वजह से बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से वो जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं.
इस दिन माता सरस्वती को अवश्य अर्पित करें ये वस्तुएं
बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को स्नान आदि से निवृत होकर पीले या श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए. माता सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के लिए पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर अवश्य अर्पित करनी चाहिए. इसके अलावा उन्हें केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं और पीले वस्त्र भेंट करें.

बसंत पंचमी का महत्व
ये दिन शिक्षा प्रारंभ करने, नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इस दिन लोग गृह प्रवेश का कार्य भी करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी को कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं और चारों ओर प्रेम का संचार करते हैं.
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर हो रहा है. ये 17 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक चलेगा.
इस दिन आपको पूजा करने के लिए कुल 05 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा. 16 फरवरी को सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है.



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