धर्म-अध्यात्म

मां दुर्गा क्यों कहलाती है माता शेरावाली, जाने कैसे मिला उनका वाहन

Subhi
21 Oct 2020 2:40 AM GMT
मां दुर्गा क्यों कहलाती है माता शेरावाली, जाने कैसे मिला  उनका वाहन
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मां दुर्गा क्यों कहलाती है माता शेरावाली, जाने कैसे मिला उनका वाहन

दुर्गा मां के 108 नाम हैं। दुर्गा मां को माता शेरांवाली भी कहा जाता है। इसके पीछे भी एक कथा छिपी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुर्गा मां के 108 नाम हैं। दुर्गा मां को माता शेरांवाली भी कहा जाता है। इसके पीछे भी एक कथा छिपी है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कई हजारों वर्षों तक तपस्या की थी। इस तपस्या का तेज बहुत अधिक था। इससे मां का रंग सांवला पड़ गया था। लेकिन माता रानी की तपस्या सफल हुई। उन्हें शिवजी पति के रूप में प्राप्त हुए।

एक बार मां पार्वती और शिवजी कैलाश पर बैठे थे। यह शाम का समय था। इस दौरान भोलेनाथ ने मजाक में मां पार्वती को काली कह दिया। यह शब्द माता को बिल्कुल अच्छे नहीं लगे। उन्होंने तुंरत ही कैलाश पर्वत छोड़ दिया। वह फिर से तपस्या करने बैठ गईं जिससे उन्हें उनका रंग उन्हें वापस मिल पाए। जब वे तपस्या कर रही थीं तब वहां एक शेर आ गया। वो उन्हें खाने के उद्देश्य से वहां आया था। लेकिन मां को तपस्या करता देख वह चुपचाप वहां बैठ गया। वह, उन्हें देखने लगा। मां ने कई वर्षों तक तपस्या की और शेर वहीं बैठा उन्हें देखने लगा।

जब वर्षों बाद मां की तपस्या खत्म हुई तो शिवजी उन्हें देखने गए और उन्हें गोरा होने का वरदान दिया। इसके बाद मां स्नान करने चलती गईं। इस दौरान मां के शरीर से एक और देवी प्रकट हुई जिनका रंग काला था। काली देवी के निकलते ही माता का रंग फिर से गोरा हो गया। काले रंग की देवी का नाम कौशिकी पड़ गया। वहीं, मां पार्वती को एक और नाम मिला जो था गौरी। जब मां वापस तपस्या वाले स्थान पर आईं तो शेर को वहीं बैठा पाया। यह देख मां बेहद प्रसन्न हो गईं और शेर को अपना वाहन बना लिया। इसके बाद से ही मां को शेरांवाली कहा जाने लगा।

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