धर्म-अध्यात्म

मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है खिचड़ी, जाने क्या है इसका धार्मिक महत्व

Subhi
14 Jan 2022 2:19 AM GMT
मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है खिचड़ी, जाने क्या है इसका धार्मिक महत्व
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मकर संक्रांति का त्योहार हर साल लोहड़ी के अगले दिन मनाया जाता है। इस साल यानी 2022 में भी 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग तिल के लड्डू और खास खिचड़ी तैयार करते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार हर साल लोहड़ी के अगले दिन मनाया जाता है। इस साल यानी 2022 में भी 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग तिल के लड्डू और खास खिचड़ी तैयार करते हैं। वहीं, देश के कई हिस्सों में इस त्योहार पर पतंग भी उड़ाई जाती है, हालांकि, इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से हर साल की तरह इस त्योहार की धूम फीकी पड़ जाएगी। मकर संक्रांति को शास्त्रों में स्नान, दान और ध्यान का त्योहार माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़ तिल से बनी चीज़ें जैसे तिल के लड्डू, गजक, रेवड़ी को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है

मकर संक्रांति पर खिचड़ी की मान्यता

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, दही चूड़ा के अलावा खिचड़ी भी खाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों है? मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा के पीछे भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले बाबा गोरखनाथ की कथा है। खिलजी के आक्रमण के समय नाथ योगियों को खिलजी से संघर्ष के कारण खाना बनाने का वक्त नहीं मिल पाता था। जिस वजह से य:

एक कप चावल

एक कप मसूर की दाल

थोड़ा घी

1/4 कप कटे हुए प्याज

तेज पत्ता

दाल चीनी

इलाइची

नमक स्वादानुसार

अदरक का पेस्ट

लहसुन का पेस्ट

लाल मिर्च पाउडर

हल्दी पाउडर

जीरा पाउडर

धनिया पाउडर

हरी मिर्च

धनिये के पत्ते

ऐसे बनाएं खिचड़ी

1. एक कटोरे पानी में एक कप चावल और एक कप मसूर की दाल को कुछ देर भिगो कर रख दें।

2. कढ़ाई में दो चम्मच घी डालकर कुछ देर गर्म करें। फिर उसमें 1/4 कप कटे हुए प्याज़, तेज पत्ता, दाल चीनी, इलाइची, नमक स्वादानुसार, अदरक का पेस्ट या पाउडर, लहसुन का पेस्ट या पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, ज़ीरा पाउडर और धनिया पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें।


3. जब मसाला भुन जाए, तो इसमें भिगोए हुए चावल और दाल डाल दें।

4. हरी मिर्च, कटा हुआ गाजर, ब्रोकली, बीन्स, टमाटर डालकर अच्छे से मिलाएं।

5. पानी डालकर तब तक पकाएं जब तक चावल अच्छे से पक न जाएं।


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