धर्म-अध्यात्म

क्यों प्रिय है गणेश जी को सिंदूर, जानें महत्व

Tulsi Rao
20 Aug 2022 5:30 AM GMT
क्यों प्रिय है गणेश जी को सिंदूर, जानें  महत्व
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Why Ganesha is dear to Sindoor, know its importance

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Laal Sindoor Uses For Bappa: गणेश जी को बुद्धि, सुख और समृद्धि के दाता कहा जाता है. 31 अगस्त को 10 दिवसीय पर्व गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है. इस दिन लोग धूमधाम से घर पर बप्पा की स्थापना करते हैं. धार्मित ग्रंथें के अनुसार आज के दिन सुख-समृद्धि के दाता भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि जहां गणेश जी वास करते हैं वहां रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ भी निवास करते हैं.


भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से वे प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. उनके सारे कष्ट हर लेते हैं और सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं. बप्पा को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी पर भक्त उन्हें प्रिय चीजें अर्पित करते हैं. ऐसे ही भगवान श्री गणेश को लाल सिंदूर भी बेहद प्रिय है. गणेश चतुर्थी के मौके पर जानें आखिर क्यों माथे पर लगाया जाता है लाल सिंदूर, इसके फायदे और नियम के बारे में.

क्यों प्रिय है गणेश जी को सिंदूर

पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी ने बालावस्था में एक सिंदूर नाम के असुर का संहार कर उसका रक्त अपने शरीर पर लगा लिया था. तब से ही कहा जाता है कि गणेश जी को लाल सिंदूर बेहद प्रिय है. मान्यता है कि गणेश जी को स्नान कराने के बाद उन्हें लाल सिंदूर अर्पित करने से गणेश जी का आशीर्वाद मिलता है. घर में सुख-समृद्धि वास करती है और हर कार्य में सफलता मिलती है.

सिंदूर चढ़ाने के फायदे

कहा जाता है कि अगर गणेश जी को लाल सिंदूर अर्पित किया जाए,तो व्यक्ति को शांति और समृद्धि मिलती है. वहीं, सिंदूर अर्पित करने से व्यक्ति का विवाह जल्दी हो जाता है. संतान की प्राप्ति होती है. साथ ही, बुद्धिमान और स्वस्थ संतान की प्राप्ति के लिए भी गणपति को सिंदूर अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि घर से निकलते समय अगर गणेश जी को सिंदूर अर्पित किया जाए, तो शुभ समाचार की प्राप्ति होती है. ज्योतिष अनुसार नौकरी या इंटरव्यू के लिए जाते समय भी गणेश जी को सिंदूर अर्पित करके ही जाना चाहिए.

यूं अर्पित करें गणेश जी को सिंदूर

सबसे पहले स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र पहन लें. इसके बाद गणेश जी की पूजा करें. उत्तर या ईशान कोण की ओर मुख करके बैठ जाएं. गणेश जी की मूर्ति या जल छिड़कें और गाय के घी का दीपक जलाएं. लाल रंग के फूल और दुर्वा घास अर्पित करें. फिर मंत्र का जाप करते हुए माथे पर गणेश जी के लाल रंग का सिंदूर लगाएं. इसके बाद भगवान गणेश को मोदक या उनकी प्रिय चीज का भोग लगाएं. इस तरह गणेश जी की पूजा संपन्न होती है.

गणेश जी का मंत्र

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्.

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्…


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