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धर्म-अध्यात्म
खरमास का माह आखिर क्यों अशुभ माना जाता है, जानिए सूर्यदेव से कनेक्शन
Bhumika Sahu
16 Dec 2021 5:26 AM GMT
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इस वर्ष 16 दिसम्बर दिन गुरूवार को सूर्य देव वृश्चिक राशि का परित्याग कर दिन में 2 बजकर 27 मिनट पर धनु राशि पर आरूढ़ हो जायेंगे और इसी के साथ ही खरमास आरम्भ हो जाएगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी 16 दिसम्बर 2021 दिन गुरुवार को दिन में 2:27 बजे, ग्रहो में राजा की पदवी प्राप्त सूर्य देव का गोचरीय संचरण मूल नक्षत्र एवं धनु राशि मे प्रारम्भ होगा. इसके साथ ही साल 2021 का खरमास भी शुरू हो जाएगा. इस माह में किसी भी प्रकार का शुभकार्य करना वर्जित माना जाता है.
आपको बता दें कि सूर्य के धनु राशि में आगमन करने पर ही खरमास माह की शुरुआत होती है.हमेशा से ही सनानत धर्म में खरमास का अपना ही एक महत्व होता है. खरमास के माह में शादी, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं सूर्यदेव
ग्रंथो के अनुसार सूर्यदेव ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं और इस दौरान वह कहीं भी नहीं ठहरते हैं. यानी कि सूर्य देव प्रकृति के अधीन होकर कार्य करते हैं. यही कारण है कि सूर्य देव परिक्रमा के दौरान नहीं रुक सकते यदि वे रुकते हैं तो पूरा ब्रह्मांड ही रुक जाएगा.
कथा के अनुसार जब लगातार परिक्रमा करते-करते सूर्यदेव के रथ के घोड़ थक जाते हैं. तो अपने घोड़ों को थका देख सूर्यदेव को दया आ जाती है और वह एक तलाब के पास जाते हैं लेकिन तभी उनको परिक्रमा की बात याद आती है जो कि नहीं रुकनी चाहिए. ऐसे में वह अपने घोड़ों को वहीं सरोवर के पास छोड़कर खर को रथ से बांधकर ले जाते हैं.
जब खर की गति भी धीमी हो गई तो किसी तरह इस माह के चक्र को तो पूरा करना ही है. ऐसे में वे दोबारा अश्वों को बांध परिक्रमा शुरू कर देते हैं.यही कारण है कि इसको खरमास भी कहा जाता है.
आध्यात्मिक कार्यों में लगाये मन
जब भी सूर्य गुरु की राशि में आते हैं तो इस वक्त सांसारिक कार्यों से मन को हटाकर आधात्मिक कार्यों की तरफ जाना चाहिए. गुरु और सूर्य मित्र ग्रह होते हैं. ऐसे में जितना हो सके इस दौरान पूजा पाठ आदि करना चाहिए.
मकर संक्रांति से शुरू होंगे शुभ कार्य
इस एक माह में विवाह, गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन, नामकरण यज्ञ, संस्कार नहीं किए जाते. लेकिन मकर की संक्रांति के साथ ही सारे शुभ कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं.
जानें किस माह में कब है विवाह मुहूर्त
जनवरी- 16, 21, 22, 23, 24 और 25, 27
फरवरी- 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 18, 19, 20 और 22
मार्च- 4 और 9 मार्च को शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे
अप्रैल- 14 से लेकर 27 अप्रैल तक लगन
मई- अक्षय तृतीया के साथ ही विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.
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