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माणिक को क्यों कहा जाता है रत्नों का राजा, जानें इसे धारण करना शुभ या अशुभ
![माणिक को क्यों कहा जाता है रत्नों का राजा, जानें इसे धारण करना शुभ या अशुभ माणिक को क्यों कहा जाता है रत्नों का राजा, जानें इसे धारण करना शुभ या अशुभ](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/11/28/2263840-31.webp)
रत्न शास्त्र में माणिक को रत्नों का राजा कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे रूबी कहते हैं। यह सबसे मूल्यवान रत्न माना जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि माणिक पत्थर को अंगुली में धारण करने से कई फायदे होते हैं। हालांकि माणिक रत्न हर किसी को नहीं धारण करना चाहिए। किसी अच्छे ज्योतिष की सलाह लेकर ही इसे अंगुली में धारण करना चाहिए। आइए आज आपको बताते हैं कि ये कीमती रत्न किन्हें पहनना चाहिए और इसे पहनने से क्या फायदे होते हैं।
ज्योतिषियों की मानें तो मेष, कर्क, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए माणिक रत्न सबसे अच्छा होता है। माणिक रत्न संकट की घड़ी आने से पहले ही संकेत दे देता है। ऐसा कहते हैं कि इंसान का स्वास्थ्य बिगड़ने या मृत्यु की घड़ी नजदीक आने के तीन महीने पहले ही इसका रंग सफेद पड़ने लगता है। इतना ही नहीं, अगर किसी इंसान का लाइफ पार्टनर उसे धोखे में रखे तो भी इस रत्न का रंग फीका पड़ने लगता है। माणिक रत्न अंगुली में धारण करने से मन में बुरे ख्याल नहीं आते हैं।
कैसे करें माणिक रत्न की पहचान?
बाजार में माणिक रत्न जैसे दिखने वाले नकली रत्न भी बेचे जाते हैं। इसलिए इसे खरीदते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखें। माणिक हमेशा लाल, गुलाबी, हल्का गुलाबी या रक्तवर्णी रंग में मिलता है। असली माणिक रत्न को दूध में रखने से दूध का रंग गुलाबी पड़ने लगता है। इसे कांच के बर्तन में रखने से उसके चारों ओर किरणें चमकती नजर आती हैं।
किसे नहीं धारण करना चाहिए माणिक?
ज्योतिषियों की मानें तो मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को माणिक रत्न धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग लोहे, तेल या कोयले से जुड़ा काम करते हैं, उन्हें भी ये रत्न धारण करने से बचना चाहिए। इन लोगों को माणिक रत्न धारण करने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।