धर्म-अध्यात्म

एकादशी पर क्यों नहीं खाया जाता है चावल...जाने इसके पीछे का महत्व

Subhi
6 May 2021 3:13 AM GMT
एकादशी पर क्यों नहीं खाया जाता है चावल...जाने इसके पीछे का महत्व
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हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एक साल में कुल 24 एकादशी होती है.

हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एक साल में कुल 24 एकादशी होती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विधि- विधान से पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. भगवान विष्णु आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. शास्त्र के अनुसार, एकादशी का व्रत करने वालों को खास नियमों का पालन करना होता है. इस दिन व्रती को मांस, मछली, लहसुन, प्याज और चावल नहीं खाना चाहिए. माना जाता है कि प्याज, लहसुन तामसिक होता है. इन चीजों को खाने से मन में अशुद्ध आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चावल क्यों नहीं खाना चाहिए.

धार्मिक कारण
एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महार्षि मेधा ने अपना देह त्याग दिया था. उनके शरीर के अंग धरती में समा गए. कहते हैं जिस दिन महार्षि मेधा का शरीर धरती पर समा गए था उस दिन एकदाशी थी. उन्होंने धरती पर चावल और जौ के रूप में जन्म लिया था. इसी वजह से चावल को जीव माना जाता है. इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन चावल खाने का अर्थ है महार्षि मेधा के मांस और रक्त का सेवन करने जैसा है.
7 मई को है वरुथिनी एकादशी
वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष को वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पड़ रही है. इस बार वरुथिनी एकादशी 7 मई 2021 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 06 मई 2021 दोपहर 2 बजकर 10 मिनट से 07 मई 2021 को 03 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
एकादशी के दिन क्या करें
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधी- विधान से पूजा करनी चाहिए. इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. इस दिन कुछ लोग व्रत रखते हैं. एकादशी के दिन मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए.
एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाएं. पूजा के भोग में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करें.


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