धर्म-अध्यात्म

वट सावित्री व्रत की पूजा में क्यों है लाल रंग खास, जानिए इसका महत्व

Tara Tandi
30 May 2022 7:03 AM GMT
वट सावित्री व्रत की पूजा में क्यों है लाल रंग खास, जानिए इसका महत्व
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लाल रंग को शुभ कार्यों हेतु विशेष दर्ज़ा प्राप्त है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Red color in Vat Savitri vrat 2022: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ मौके पर लाल रंग (Red Color) का विशेष बहुत महत्‍व माना जाता है। फिर चाहे वो पूजा-पाठ के दौरान भगवान की मूर्ति के नीचे वस्‍त्र बिछाने की हो या सुहाग के रंग की हो या फिर अन्‍य शुभ कार्यों में प्रमुख रंगों के उपयोग की हो, सभी में लाल रंग का उपयोग ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए वट सावित्री व्रत के पूजन में भी अधिकतर महिलायें लाल रंग के वस्त्र को ही पहनती हैं। इसके साथ ही लाल चुन्नी, बिंदी, लाल चूड़ी और सिंदूर का भी इस दिन विशेष महत्त्व बताया गया है।

बता दें कि हिन्दू धर्म में लाल रंग के अलावा पीले और नीले रंग को विशेषता की प्रमुखता दी गई है। गौरतलब है कि इन्‍हीं तीन रंगों में हरा, केसरिया, नारंगी आदि रंग भी समाहित हैं। उल्लेखनीय है कि पंच तत्‍वों में से एक अग्नि की लौ में भी यही तीन मुख्य रंग नजर आने के जरिये भी इनके अहमियत को समझा जा सकता है। लेकिन बावजूद इसके लाल रंग को शुभ कार्यों हेतु विशेष दर्ज़ा प्राप्त है।

गौरतलब है कि दुल्हन का शुभ जोड़ा विशेषतः लाल रंग का ही होता है। ऐसा क्यों ये प्रश्न अभी भी अगर परेशान कर रहा है तो आइये जानते हैं लाल रंग की क्‍या खात बातों को :

- लाल रंग को अग्नि, रक्त और मंगल ग्रह का भी प्रतिक माना जाता है। क्योंकि इन सब का रंग भी लाल ही होता है।
- उत्साह, सौभाग्य, उमंग, साहस और नए जीवन का प्रतीक लाल रंग को माना जाता है। वैसे ज्योतिषशास्त्र में लाल रंग को उग्रता का भी प्रतीक माना गया है। जिस कारण अधिक क्रोध करने वाले लोगों को लाल रंग के कपड़े नहीं या कम पहनने की सलाह दी जाती है।
- हिन्दू शास्त्रों के अनुसार लाल रंग को सुहाग का प्रतिक माना गया है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य में विवाहित महिलाएं लाल रंग की साड़ी और लाल सिंदूर जरूर लगाती हैं।
- बता दें लाल रंग प्रकृति (Nature) का भी प्रतिक माना जाता है। यूँ तो दुनिया में कई रंग -बिरंगे फूल मौजूद हैं लेकिन देखा जाए तो इनमें से अधिकतर फूल लाल रंग के होते हैं।
- प्रकृति की अजीब माया है। जीवन में रौशनी भरने वाले सूरज के सूर्योदय और सूर्यास्त का भी रंग लाल और केसरिया ही है।
- मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी को लाल रंग बेहद पसंद है। इसलिए मां लक्ष्मी के वस्त्र भी लाल हैं औरवे लाल रंग के कमल पर शोभायमान रहती हैं। यहाँ तक के उनके पूजनके दौरान भी लाल रंग का कपड़ा बिछाकर ही उस पर उनकी प्रतिमा रखकर पूजा की जाती है।
- रामभक्त हनुमान को भी लाल और सिन्दूरी रंग अति प्रिय माना जाता हैं। बता दें कि हनुमान जी के पूजन में उन्हें सिन्दूर अर्पित करना बेहद शुभ होता है।
-शक्ति की प्रतिक मां दुर्गा के मंदिरों में भी लाल रंग का ही उपयोग सबसे ज्‍यादा किया जाता है। क्योंकि लाल रंग शक्ति का भी प्रतीक माना जाता है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार लाल रंग चिरंतन, सनातनी, पुनर्जन्म की धारणाओं को बताने वाला रंग होता है।
- हिंदू धर्म में शादी के जोड़े के रूप में दूल्‍हा-दुल्हन के लिए लाल रंग को ही प्रमुखता दी जाती है. मान्यता है कि यह रंग उनके भावी जीवन को खुशियों से भर देगा।



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