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रंग पंचमी के दिन हर कोई रंगों में सराबोर होता है.
8 मार्च को देशभर में होली का त्योहार मनाया गया है. होली के 4 दिनों के बाद रंग पंचमी मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस बार 12 मार्च को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. भारत में रंग पंचमी का त्योहार होली के बाद ही मनाते हैं. रंग पंचमी होली का ही समापन रूप होता है जो देश के कई क्षेत्रों में चैत्र माह की कृष्ण पंचमी तिथि को मनाते हैं. यह त्योहार होली के 5 दिनों के बाद चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाते हैं. इसको लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं.
क्यों मनाया जाता है रंग पंचमी ? ( Why celebrate Rang Panchami 2023)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंगों का यह उत्सव चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाते हैं. इस दिन शोभा यात्राएं श्रद्धालु निकालते हैं. ऐसा माना जाता है कि होली के 4 दिनों के बाद पंचमी पर देव होली होती है जिसमें देवी-देवता होली खेलते हैं. इस दिन भी होली के जैसा देवी-देवताओं को अबीर चढ़ाकर लोग एक-दूसरे से होली खेलते हैं. इस दिन क्या क्या किया जाता है चलिए आपको बताते हैं.
1. रंग पंचमी के दिन हर कोई रंगों में सराबोर होता है. सभी एक-दूसरे पर अबीर डालकर रंग पंचमी को मनाते हैं.
2. बहुत से लोग इस दिन भांग पीकर नृत्य करते हैं और गाने गाते हैं. लोग इस दिन काफी मस्ती में रहना पसंद करते हैं.
3. इस दिन भारत के अलग-अलग राज्यों में वहां के फेमस पकवान घर-घर बनाए जाते हैं. खासकर महाराष्ट्र में पूरण पोली और साउथ में इडली जरूर बनती है.
4. इस शाम को लोग स्नान करने के बाद पूजा की जाती है और फिर गिल्की के पकोड़े का मजा लेते हैं.
5. मालवा प्रदेश में होली और रंग पंचमी का जुलूस निकाला जाता है जिसे गेर कहा जाता है. ये जुलूस बैंड-बाजे के साथ निकलता है.
6. यह त्योहार देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन सात्विक भोजन ही करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा ठीक से करने से बड़े से बड़े दोष खत्म हो जाते हैं.
रंग पंचमी का त्योहार होली के 4 दिन बाद मनाई जाती है. (फोटो साभार: Twitter @nandiniidnani69)
7. अगर किसी को धन लाभ पाना है और गृह क्लेश दूर करना है तो रंग पंचमी के दिन पूजा करके होली जरूर खेलें. मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करके उन्हें प्रसन्न करें.
8. श्री राधारानी और श्रीकृष्ण की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खासकर अगर आपको अपने प्रेम को पाना है तो इनकी अराधना जरूर करें.
9. राधारानी के बरसाने में इस दिन उनकी विशेष पूजा होती है. उनके मंदिरों में दर्शन करने हजारों लोग पहुंचते हैं.
10. आदिवासी क्षेत्र में विशेष नृत्य, गान और उत्सव मनाया जाता है.
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Apurva Srivastav
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