धर्म-अध्यात्म

क्यों होता है सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक, जानें वजह

Renuka Sahu
14 July 2022 5:39 AM GMT
Why is Lord Shivas Jalabhishek in Sawan, know the reason
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फाइल फोटो 

सावन माह की शुरूआत आज से हुई है. यह माह भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन माह (Sawan) की शुरूआत आज से हुई है. यह माह भगवान शिव (Lord Shiva) को बहुत ही प्रिय है. इस माह में विशेषकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. हालांकि वर्ष में आप ​किसी भी दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकते हैं. श्रावण मास में देशभर के शिव मंदिरों में भक्त अपने भगवान महादेव की पूजा करने और उनका जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. भगवान शिव का सावन माह में जलाभिषेक क्यों किया जाता है? इसे प्रश्न के जवाब में ही आपको पता चल जाएगा कि सावन माह शिव जी को प्रिय क्यों है. इसके बारे में बता रहे हैं पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र.

सावन में शिव जी के जलाभिषेक की कथा
शिवपुराण की कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था, तो उसमें से सबसे पहले विष निकला था. उस विष के कारण पूरे संसार पर संकट छा गया क्योंकि वह देव, मनुष्य, पशु-पक्षी आदि सभी के जीवन के लिए हानिकारक था. अब समस्या यह थी कि उस विष का क्या होगा? इस संकट का क्या हल है?
तब देवों के देव महादेव ने इस संकट से पूरी सृष्टि को बचाने का निर्णय लिया. उन्होंने उस पूरे विष को पीना शुरु कर दिया, उसी समय माता पार्वती ने उस विष को भगवान शिव के कंठ में ही रोक दिया. इस वजह से वह विष शिव जी के कंठ में ही रह गया और शरीर में नहीं फैला. विष के कारण शिव जी का कंठ नीला हो गया, जिस वजह से शिव जी को नीलकंठ भी कहते हैं.
विष का प्रभाव भगवान शिव पर न हो, इसके लिए सभी देवों ने उनका जलाभिषेक किया. इस वजह से शिव जी अतिप्रसन्न हुए. यह घटना सावन माह में हुई थी. इस वज​ह से हर साल सावन मा​ह में भगवान ​भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाता है, ताकि वे प्रसन्न हों और उनकी कृपा प्राप्त हो.
इन वजहों से शिव जी को प्रिय है सावन
1. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. सावन माह में भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए थे और उनकी मनोकामना पूर्ण की थी. सावन माह में शिव और पार्वती का मिलन हुआ था. इस वजह से सावन शिव जी को प्रिय है.
2. विवाह के बाद भगवान शिव पहली बार ससुराल गए थे. उस समय सावन माह था और वहां पर उनका स्वागत किया गया. उनका जलाभिषेक हुआ, जिससे वे बहुत खुश हुए.
शिव पुराण के ​अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती सावन में पृथ्वी पर निवास करते हैं. इस वजह से भक्त उनकी पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं.


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