धर्म-अध्यात्म

क्यों कहा जाता है हिंदू कैलेंडर को पचांग

Rounak
19 March 2023 1:05 PM GMT
क्यों कहा जाता है हिंदू कैलेंडर को पचांग
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हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का पर्व शुरू होता है
हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का पर्व शुरू होता है और हिंदू नववर्ष भी इसी दिन से शुरू होता है. इस साल हिंदू नववर्ष 22 मार्च से शुरू होगा. अंग्रेजी कैलेंडर को देखें तो उस पर साल लिखा होगा. इसी तरह विक्रम संवत भी हिंदू कैलेंडर यानी हिंदू पंचांग पर लिखा होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च से विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि पंचांग पर विक्रम संवत क्यों लिखा जाता है और यदि वर्ष 2023 है तो हिंदू कैलेंडर पर विक्रम संवत 2080 क्यों लिखा जा रहा है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
इसलिए लिखते हैं विक्रम संवत
विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल पहले शुरू हुआ था, इसलिए आज भी यह अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है. 2023 + 57 = 2080, इसलिए हिंदू कैलेंडर में 2023 की जगह 2080 लिखा गया है. अब अगर विक्रम संवत की बात करें तो माना जाता है कि इसकी शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी. उस समय सबसे महान खगोलशास्त्री वराहमिहिर थे. उन्हीं की मदद से इसे तैयार किया गया और इसके प्रचार-प्रसार में काफी मदद मिली. यह राजा विक्रमादित्य के नाम से विक्रम संवत के नाम से जाना जाने लगा. संवत का अर्थ है वर्ष से.
हिंदू कैलेंडर को पंचांग क्यों कहा जाता है?
ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार पंचांग शब्द का अर्थ पांच भागों से है. ये पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण. इन्हीं पांचों के आधार पर गणना करके यह कैलेंडर तैयार किया जाता है, इसलिए इसे पंचांग कहा गया है. हालांकि पंचांग बनाना और समझना हर किसी के बस की बात नहीं है. यही वजह है कि सभी शुभ मुहूर्त जानने के लिए आपको किसी विशेषज्ञ से बात करनी होगी.
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