धर्म-अध्यात्म

मंगलवार को ही क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा? जानें व्रत शुरू करने का उत्तम समय और नियम

Renuka Sahu
21 Sep 2021 5:51 AM GMT
मंगलवार को ही क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा? जानें व्रत शुरू करने का उत्तम समय और नियम
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फाइल फोटो 

धर्म शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन संकट मोचन हनुमान की पूजा करने व व्रत रखने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धर्म शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन संकट मोचन हनुमान की पूजा करने व व्रत रखने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं. भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मंगलवार के दिन ही बजरंगबली का व्रत क्यों रखा जाता है और क्यों इसी दिन इनकी पूजा अर्चना करना उत्तम माना गया है? आइये जानें

मंगलवार को ही क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा?
स्कंदपुराण एवं अन्य पौराणिक कथाओं के अनुसार, बजरंगबली का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था. इसी लिए मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित होता है. चूंकि हनुमान जी अपने भक्तों को संकट और कष्ट से मुक्ति दिलाते हैं. इसी लिए इन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है. मंगल ग्रह का सीधा संबंध हनुमान जी से है. इसी लिए बजरंगबली का व्रत व पूजा मंगलवार के दिन किया जाता है. मान्यता है कि जो भक्त मंगलवार के दिन सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करता है. उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कब से शुरू करें मंगलवार व्रत?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार का व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू करना चाहिए. यदि यह व्रत किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए कर रहें हैं तो इसे मन में रखते हुए श्रद्धानुसार 21, 45 या 51 मंगलवार व्रत रखने व विधि पूर्वक पूजा करने का संकल्प करना चाहिए. संकल्प के अनुसार मंगलवार का व्रत रखने के बाद विधि-विधान से उद्यापन करना चाहिए.
मंगलवार व्रत नियम
मंगलवार के व्रत नमक का सेवन वर्जित होता है. इस लिए इस व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए.
मंगलवार व्रत में केवल एक बार शाम को भोजन करना चाहिए. मीठा भोजन करना उत्तम माना गया है.
मंगलवार व्रत में किसी मीठी वस्तु का दान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है.
मंगलवार व्रत में शांत चित्त से बजरंगबली का ध्यान करना चाहिए.
बजरंगबली को पवित्रता बहुत प्रिय है. इस लिए मंगलवार व्रत में सबसे ज्यादा ध्यान पवित्रता पर रखना चाहिए.


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