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- क्यों की जाती है शाम...
शाम की पूजा : पूजा-पाठ का हिंदू धर्म में खास महत्व है। सनातन धर्म में सुबह की पूजा, दोपहर की पूजा और शाम की पूजा का विशेष महत्व है। जब दिन का उजाला आता है तो यह पूजा के लिए बहुत ही शुभ समय माना जाता है। वहीं शाम के समय भी पूजा करना शुभ माना जाता है मान्यता है पुराणों के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती भी शाम के समय पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। इसलिए शाम के समय भी पूजा की जाती है । जिससे हमें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। लेकिन शाम की पूजा में हम कुछ गलतियाँ कर बैठते है तो जानिए शाम की पूजा में किन बातों का ख्याल रखें।
शाम की पूजा में न करें ये गलतियां
1 सुबह भगवान की पूजा के लिए फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन शाम की पूजा के लिए भूलकर भी फूल नहीं तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शाम के समय फूल तोड़ना अशुभ होता है इसलिए शाम की पूजा के दौरान भगवान को फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
2 सुबह की पूजा में शंख और घंटियां बजाना चाहिए क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है लेकिन शाम की पूजा में घंटियां और घंटियां नहीं बजानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवता सूर्यास्त के बाद सो जाते हैं और शंख या घंटी की आवाज से उनकी नींद में खलल पड़ता है।
3 शास्त्रों में सुबह-सुबह सूर्य देव की पूजा करने और उन्हें जल चढ़ाने का विधान है, लेकिन सूर्यास्त के बाद कभी भी सूर्य देव की पूजा नहीं करनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद सूर्य देव की पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। इसके अलावा शाम की पूजा में कभी भी तुलसी का प्रयोग न करें। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
4 भगवान के विश्राम में खलल न पड़े इसके लिए शाम की पूजा के बाद पूजा स्थल पर पर्दा लगा दें और सुबह ही खोल दें। शाम की पूजा सूर्यास्त से पहले करनी चाहिए।
5 शाम के समय भगवान की पूजा के लिए हमेशा दो दीपक जलाने चाहिए। इसमें एक घी और एक तेल होना चाहिए