धर्म-अध्यात्म

क्यों मनाई जाती है बैसाखी? जानें इसका महत्व

Triveni
11 April 2021 1:34 AM GMT
क्यों मनाई जाती है बैसाखी? जानें इसका महत्व
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बैसाखी भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है

बैसाखी भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि ये फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. 'वैसाखी' या 'वैसाख संक्रांति' के रूप में भी इसे जाना जाता है. बैसाखी मुख्य रूप से एक सिख त्योहार है जो हिंदुओं के जरिए भी मनाया जाता है. विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसे मनाते हैं.

बैसाखी, सिखों के नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है. इस शुभ दिन पर, कई सारे कार्यक्रमों और मेलों का आयोजन किया जाता है क्योंकि सिख अपने दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह को इस दिन श्रद्धांजलि देते हैं. गुरुद्वारों में भक्तों के जरिए विशेष प्रार्थनाएं भी आयोजित की जाती हैं क्योंकि ये त्योहार रबी फसलों की कटाई का भी प्रतीक है.
बैसाखी 2021 तिथि और समय-
आमतौर पर, बैसाखी का शुभ त्योहार हर साल 13 अप्रैल या 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इस वर्ष, ये 13 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. इस बीच, इस साल बैसाखी के लिए पूजा का समय मंगलवार रात 8.39 बजे है.
बैसाखी 2021 समारोह-
बैसाखी पूरे देश में विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के उत्तरी राज्यों में बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है. हालांकि, इस साल समारोह कोरोनोवायरस महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित है.
देश भर में कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि की वजह से, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यानी पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत में वीकेंड के लॉकडाउन और रात के कर्फ्यू समेत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं.
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों ने भी लोगों को सभी आवश्यक सावधानी बरतने और उचित COVID व्यवहार का पालन करने के लिए कहा है, जिसमें मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का अभ्यास करना शामिल है, जो अब तक भारत में 1.32 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित करने वाले घातक रोगाणु की श्रृंखला को तोड़ने के लिए है. हालांकि, लगातार केसेज बढ़ते ही जा रहे हैं जिसकी वजह से कंट्रोल से बाहर होता जा रहा है. कोरोना के दूसरे स्ट्रेन ने लोगों के दिमाग पर भी बुरा असर डाला है. लोगों में फिर से लॉकडाउन की चिंता सताने लगी है.


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