धर्म-अध्यात्म

सावन में क्यों झूला झूलते हैं भगवान, जानिए धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं

Manish Sahu
19 Aug 2023 5:07 PM GMT
सावन में क्यों झूला झूलते हैं भगवान, जानिए धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं
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धर्म अध्यात्म: सावन महीने के आखरी दिनों में मधुश्रवा लगने से झूला महोत्सव शुरू हो गया है. मंदिरों में भगवान अपने प्राचीन और पुराने झूलों पर विराजमान होंगे तो वहीं लोग नागपंचमी से अपने-अपने घरों में भी भगवान के लिए झूला डालते हैं. और उनकी दिन-रात सेवा करते हैं.
इस बार बाजार में तरह-तरह के झूले मिल रहे हैं जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. सामान्य झूलों से लेकर फैंसी वाले लाइटिंग वाले और अन्य तरह की डिजाइनिंग वाले झूले बाजार को गुलजार कर रहे हैं 100 डेढ़ सौ से लेकर 5000 तक के झूले बाजार में उपलब्ध हैं.
जानिए सावन के झूलों का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसका बड़ा महत्व बताया गया है. देवा स्थानों में सावन के महीने में झूला डाला जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन के महीने में झूला झुलाया था. तब से यह परंपरा शुरू हुई थी. लोगों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाते जा रहे हैं. झूला झूलते समय भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को याद करते हुए गीत गायन किया जाता है.
सावन के झूलों की पौराणिक मान्यता
सावन के झूलों की पौराणिक मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ द्वारा माता पार्वती के लिए झूला डाला था. भगवान भोलेनाथ ने स्वयं माता पार्वती को झूला झुलाया. व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सावन के महीने में जब चारों ओर हरियाली होती है उस समय व्यक्ति का मन अनायास ही प्रसन्न हो जाता है. इस प्रसन्न चित्त में अगर भगवान को याद किया जाए तो बिना प्रयास के ही ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
नई-नई डिजाइन वाले झूले बाजार में
व्यापार करने वाले दुकानदारों का कहना है कि पहले साधारण झूले ही बनवाते थे लेकिन अब समय के हिसाब से लोगों की डिमांड बढ़ रही है फैंसी झूलों की तरफ लोग आकर्षित हो रहे हैं इसलिए उनके हिसाब से नई-नई डिजाइन वाली और महंगे महंगे झूले तैयार करवाए जा रहे हैं इस समय झूलों की जमकर खरीदारी भी देखने को मिल रही है.
भगवान के लिए मच्छरदानी वाली सेज
दुकानदारों ने बताया कि भगवान लड्डू गोपाल के लिए छोटी सी खाट से लेकर मच्छरदानी तक की सेज उपलब्ध है. फोल्डिंग वाले झूलों के साथ ही डिजाइनिंग वाली सिंहासन भी है. झूलों के अलावा भगवान लड्डू गोपाल भगवान की श्रंगार में छोटी-छोटी पगड़ी पोशाक मुकुट मालाएं भी खरीदे जा रहे हैं.
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