धर्म-अध्यात्म

क्यों मनाया जाता है ईस्टर संडे, जानिए इसका का महत्व

Tara Tandi
5 April 2022 6:08 AM GMT
क्यों मनाया जाता है ईस्टर संडे, जानिए इसका का महत्व
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क्यों मनाया जाता है ईस्टर संडे, जानिए इसका का महत्व

ईसाई धर्म में ईस्टर संडे, गुड फ्राइडे के बाद मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है। इस साल ईस्टर संडे 17 अप्रैल को मनाया जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईसाई धर्म में ईस्टर संडे, गुड फ्राइडे के बाद मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है। इस साल ईस्टर संडे 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह के बलिदान को याद किया जाता है, लोग दुखी होते हैं। वहीं ईस्टर संडे पर उनकी खुशी दोगुनी होती है, क्योंकि ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को ईसा मसीह दोबारा जीवित हुए थे। ईसा मसीह के जीवित होने की खुशी में ईसाई धर्म को मानने वाले लोग ईस्टर संडे मनाते हैं। ईसाई धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ बाइबिल में भी लिखा गया है कि दोबारा जीवित होने के बाद यानी ईस्टर संडे के 40 दिन बाद तक ईसा मसीह पृथ्वी पर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शिष्यों को प्रेम और करुणा का पाठ पढ़ाया, उसके बाद वे स्वर्ग चले गए। ऐसे में चलिए आज जानते हैं इस पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें...

गुड फ्राइडे के दिन क्या हुआ था?
प्रभु ईसा मसीह प्रेम और शांति के मसीहा थे। दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका दिया था। इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हैं। लेकिन कहा जाता है कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुनः जीवित हो उठे थे।
कैसे मनाया जाता है ईस्टर संडे?
ईस्टर संडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग गिरजाघरों में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं। उनकी याद में गिरजाघर यानी चर्च में मोमबत्तियां जलाते हैं। बाइबिल पढ़ते हैं और प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं।
प्रभु यीशु को मृत्युदंड के बाद जीवित होने की खुशी
क्रिसमस के अलावा ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है। दोनों ही पर्व इसाह मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाए जाते हैं। ईस्टर को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूमधाम और उत्साह से मनाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं।
ईस्टर संडे को बदलाव का भी दिन माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन ईशा मशीह के जीवित होने के बाद उनको यातनाएं देने वाले और सूली पर चढ़ाने वाले लोगों को भी बहुत पश्चाताप हुआ था।
ईस्टर पर अंडों का महत्व
ईस्टर पर अंडों का विशेष महत्व है। इस दिन लोग अंडों को सजाते हैं। साथ ही एक-दूसरे को अंडे गिफ्ट में भी देते हैं। इस दिन अंडे का महत्व इसलिए है, क्योंकि ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं।
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