धर्म-अध्यात्म

साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता? जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें

Tulsi Rao
17 April 2022 10:11 AM GMT
साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता? जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें
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हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है. अक्षय तृतीया का पावन पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस वर्ष 3 मई, 2022, दिन मंगलवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस दिन किए गया कोई भी शुभ कार्य अतिशुभ एवं अक्षय फल देने वाला माना जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज (Akha teej 2022) के नाम से भी जाना जाता है. यूं तो ये साल भर का सबसे बड़ा शुभ दिन माना जाता है लेकिन कुछ गलतियों के चलते ये शुभ दिन भी दुष्परिणाम जीवन में ला सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहि

अक्षय तृतीया के दिन ये काम जरूर करें (Akshaya Tritiya 2022, Dos)

1. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ अवश्‍य करें.

3. अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें. इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी.

4. इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ तथा विवाह संस्कार आदि करना अतिलाभदायी होता हैं.

5. अक्षय तृतीया के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहता है.

6. अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें.

7. इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के भी पट भी खुलते हैं. अत: हो सके तो बद्रीनाथ धाम अवश्य जाएं.

8. अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा.

9. अगर आपने साल भर कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें.

10. अक्षय तृतीया के दिन सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए.

11. अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. अत: इस दिन पूरे मन से परशुराम का पूजन करके इस शुभ तिथि का लाभ अवश्य ही लें.

अक्षय तृतीया के दिन इन कामों को करने से बचें (Akshaya Tritiya 2022, Donts)

1. अक्षय तृतीया पर अत्याचार, दुराचार, धूर्तता, अनाचार तथा किसी को आत्मा को दुखाना आदि कार्य ना करें, क्योंकि इन पापों का कर्मफल भी अक्षुण रहता है. अत: इस दिन किए गए पाप हर जन्म में पीछा करता रहता है. अत: इस दिन सावधानी बरतते हुए सिर्फ अच्छे कर्म ही करने चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के दिन असामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं तथा उक्त व्यक्ति का जीवन धन के अभाव में व्यतीत होता है.

3. इस दिन बिना नमक खाए व्रत करना चाहिए, क्योंकि नमक का सेवन न करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन सेंधा नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए.

4. अक्षय तृतीया के दिन किसी भी जरूरतमंद लोगों का उपहास न करें.

5. इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर अक्षय तृतीया के दिन रविवार आ रहा हैं तो तुलसी एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें, क्योंकि रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.

6. अक्षय तृतीया के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ अथवा नए वस्त्र धारण करके ही शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंदे अथवा बिना धुले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, इससे धन की देवी लक्ष्मी माता नाराज हो सकती है तथा उनके कोप का प्रकोप आप पर पड़ सकता है.

7. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें. यह आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है.

8. अक्षय तृतीया के दिन पहली बार जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, यह बेहद अशुभ माना जाता है.

बता दें कि, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी हैं. माता गौरी को साक्षी मानकर किया गया धर्म-कर्म एवं दिया गया दान अक्षय हो जाता है, इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है. यह तिथि एक अबूझ मुहूर्त मानी गई है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं. कई पुराणों और ग्रंथों में वर्णित है कि अगर किसी व्यक्ति ने सालभर कोई धान धर्म नहीं किया है तो उस व्यक्ति को अक्षय तृतीया के दिन दान धर्म अवश्य करना चाहिए

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