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आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है. इस अवसर पर आज आपको गणेश जी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात बताने वाले हैं
आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है. इस अवसर पर आज आपको गणेश जी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात बताने वाले हैं. आपने देखा होगा कि गणेश जी के माथे पर सिंदूर लगाया जाता है. हनुमान जी के अतिरिक्त गणेश जी को भी सिंदूर लगाते हैं. हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम को अतिप्रसन्न करने के लिए पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया था, जिसके बाद से भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए उनको सिंदूर चढ़ाने लगे. गणेश जी को सिंदूर क्यों प्रिय है, इसके बारे में भी कथाएं हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
गणेश जी को सिंदूर क्यों प्रिय है?
गणेश पुराण की कथा के अनुसार, गणेश जी ने अपने बाल्यावस्था में सिंदूर नामक एक असुर का संहार किया था. बताया जाता है कि उसका वध करने के बाद से गणपति बप्पा ने उसके खून को अपने शरीर पर लगा लिया. इस वजह से उनको पूजा के समय सिंदूर चढ़ाया जाता है.
शिव पुराण की कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर काट दिया था, तब उनको पुन: जीवित करने के लिए हाथी का मस्तक लाया गया. शिव जी ने गणेश जी को हाथी का मस्तक लगाया, तो उस पर पहले से ही सिंदूर का लेप लगाया गया था. माता गौरी ने जब गणेश जी के मस्तक पर सिंदूर लगा हुआ देखा, तो उन्होंने कहा कि इस सिंदूर से ही हमेशा तुम्हारी पूजा होगी. इस वजह से गणेश जी को सिंदूर लगाते हैं.
हिन्दू धर्म में सिंदूर को मंगल यानी शुभता का प्रतीक भी माना जाता है. इसका उपयोग करने से नकारात्मकता दूर होती है, बुरी शक्तियां निष्प्रभावी होती हैं. इस वजह से भक्तजन गणेश जी को सिंदूर लगाते हैं, ताकि उनसे बुरी शक्तियां दूर रहें और उनके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आए. इस कारण से गणेश जी या अन्य पूजा में सिंदूर का उपयोग करते हैं.
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
बुधवार का दिन हो या फिर चतुर्थी व्रत, भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान गणेश जी को उनकी पसंदीदा वस्तुएं अर्पित करते हैं. इसमें दूर्वा, मोदक, सिंदूर प्रमुख रूप से शामिल होता है. इनके अलावा आप गणेश जी को सुपारी और पान का पत्ता भी चढ़ा सकते हैं.
Rani Sahu
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