धर्म-अध्यात्म

Garud Puran: श्मशान घाट में पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखा जाता

Kavita2
3 July 2024 11:31 AM GMT
Garud Puran: श्मशान घाट में पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखा जाता
x
Garud Puran गरुड़ पुराण : जिस भी प्राणी ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी तय है। हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु Death of a person in Hinduism के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है और इसके बाद मृतक की आत्मा की शांति के लिए 13 दिनों तक कई कर्मकांड किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद ही उसकी आत्मा को शांति मिलती है। इसका पूरा वर्णन गरुड़ पुराण में मिलता है।
इसलिए किया गया है मना
हिंदू धर्म में माना गया है कि दाह संस्कार के बाद शरीर के नष्ट हो जाने के बाद भी आत्मा का अस्तित्व बना रहता है। ऐसी स्थिति में यह माना जाता है कि यदि श्मशान से जाते समय पीछे मुड़कर देखा, जाए तो इससे आत्मा को परलोक जाने में परेशानी होती है। जिसका कारण यह है कि आत्मा का परिवार के प्रति उसे दूसरे लोक में जाने से रोकता है। इसलिए यह कहा जाता है कि अंतिम संस्कार के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
ये भी हैं मान्यताएं
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कभी भी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं किया जाता। क्योंकि ऐसा करने पर आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती। गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि शव का अंतिम संस्कार हो जाने के बाद घर को धार्मिक रूप से पवित्र और शुद्ध किया जाना बहुत आवश्यक है। वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्मशान घाट में महिलाओं के जाने की भी मनाही होती है।
गरुण इसका कारण यह माना जाता है कि महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले स्वभाविक रूप से कमजोर होती हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि अगर मृत शरीर को अग्निदाह देते हुए कोई रोता है, तो इससे व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती।
Next Story