धर्म-अध्यात्म

अधिक पूजा-पाठ करने वाले लोग क्यों रहते हैं परेशान

SANTOSI TANDI
31 Aug 2023 10:24 AM GMT
अधिक पूजा-पाठ करने वाले लोग क्यों रहते हैं परेशान
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क्यों रहते हैं परेशान
हर मनुष्य के मोक्ष की प्राप्ति के लिए ज्ञान और कर्म बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी के साथ भगवान की भक्ति भी जरूरी होती है, लेकिन बिना कर्म, ज्ञान और भक्ति के पूजा सिद्ध नहीं मानी जाती है। पूजा-पाठ करना बहुत ही सुदंर और पवित्र भाव होता है।
इससे व्यक्ति के ऊपर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और आंतरिक शांति भी मिलती है। अगर व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर की प्रार्थना करता है, तो उसके जीवन में कठिनाइयां जरूर आती हैं। क्योंकि ईश्वर उन्हीं की परीक्षा लेता है, जिससे वह सबसे ज्यादा प्रेम करता है। पूजा-पाठ एक कर्म भी माना जाता है। जिसका समुचित फल व्यक्ति को समय के अनुसार मिलता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो व्यक्ति ईश्वर की सच्चे मन से पूजा करता है, वह परेशान रहता है।
वहीं दूसरी तरफ बिना पूजा-पाठ किए लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आखिर ऐसा क्यों होता है। आइए इस लेख में पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
ईश्वर सच्चे भक्त की लेते हैं परीक्षा
अधिक पूजा-पाठ (पूजा-पाठ नियम) करने वाला व्यक्ति इसलिए परेशान रहता है, क्योंकि ईश्वर उसी की परीक्षा लेते हैं, जिससे वह सबसे अधिक प्रेम करता है। भगवान उसे हर कठिनाइयों से मुक्त करना चाहते हैं, ताकि उसे जीवन में कभी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़ें। वहीं भक्त भी सच्चे हृदय से अपने आराध्य की पूजा करता है, ताकि ईश्वर के प्रति उसकी आस्था निरंतर बढ़ती रहे और जीवन में आ रही कठिनाइयां भी उसका कुछ न बिगाड़ सके।
ईश्वर अपने भक्तों को देते हैं शक्ति
ईश्वर अपने भक्तों को कभी उदास नहीं देख सकते हैं और वह नहीं चाहते हैं कि दूसरों उन्हें परेशान करें और उन्हें हानि पहुंचाएं। इसलिए भगवान (श्रीहरि मंत्र)अपने भक्तों को अकेले रहने की शक्ति देते हैं, ताकि वह हर परिस्थिति का डटकर सामना कर सके।
भक्त श्रद्धा भाव से करें ईश्वर की पूजा
भक्तों अगर आप ईश्वर की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा में कभी गलती न करें। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम कई बार पूजा-पाठ करने के दौरान छोटी-छोटी गलती कर देते हैं, जिससे हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है,लेकिन भगवान कभी भक्त का नियम नहीं देखते हैं, कि वह किसी विधि और नियम से पूजा कर रहा है।
वह तो बस यही चाहते हैं कि भक्त श्रद्धाभाव से उनको याद करें। ईश्वर एक शक्ति और भाव हैं। उसी भक्त पर ईश्वर की कृपा होती है, जो सरल, श्रद्धा और अपनत्व का जीवन जीते हैं।
ईश्वर की सच्चे मन और श्रद्धा भाव से पूजा करें और यहां बताई गई बातों पर विशेष ध्यान दें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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