धर्म-अध्यात्म

वनवास के दौरान श्रीराम जी पंचवटी नासिक में क्यों रुके थे? जानिए इनकी महत्वपूर्ण बातें

Tara Tandi
25 Jan 2021 9:06 AM GMT
वनवास के दौरान श्रीराम जी पंचवटी नासिक में क्यों रुके थे? जानिए इनकी महत्वपूर्ण बातें
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अनिरुद्ध जोशी| वाल्मीकि रामायण, अरण्यकांड में पंचवटी का मनोहर वर्णन मिलता है।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क |अनिरुद्ध जोशी| वाल्मीकि रामायण, अरण्यकांड में पंचवटी का मनोहर वर्णन मिलता है। इसके अलावा पंचवटी का वर्णन 'रामचरितमानस', 'रामचन्द्रिका', 'साकेत', 'पंचवटी' एवं 'साकेत-सन्त' आदि काव्यों में भी मिलता है। आओ जानते हैं इस संबंध में खास 8 बातें।

1.वनवास के दौरान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण पंचवटी क्षेत्र में पर्णकुटी बनाकर रहने लगे थे। पंचवटी नासिक के पास गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। लक्ष्मण ने यहां पर एक पर्णकुटी बनाई थी। ये ही वो जगह है जहां राम और सीता, लक्ष्मण के साथ एक कुटिया बनाकर रहे थे। इसी कुटिया के बाहर से रावण ने सीता का हरण किया था।

2. दण्डकारण्य में मुनियों के आश्रमों में रहने के बाद श्रीराम अगस्त्य मुनि के आश्रम गए। यह आश्रम की दंडक वन में ही था। यह आश्रम नासिक के पंचवटी क्षे‍त्र में है जो गोदावरी नदी के किनारे बसा है।

3. यहीं पर लक्ष्मणजी ने शूर्पणखा की नाक काटी थी। संभवत: इसीलिए इस स्थान को बाद में नासिक कहा जाने लगा।

4. यदि पर राम-लक्ष्मण ने खर व दूषण के साथ युद्ध किया था।

5. गिद्धराज जटायु से श्रीराम की मैत्री भी यहीं हुई थी। पंचवटी के मार्ग पर राम को विशालकाय गिद्ध, जटायु मिले थे, जो दशरथजी के मित्र थे।

6. मरीच का वध पंचवटी के निकट ही मृगव्याधेश्वर में हुआ था।

7. यहां पर आज भी श्रीराम का बनाया हुआ एक मंदिर खण्डहर रूप में विद्यमान है।

8. पंचवटी में पांच वट के पेड़ हैं जो पास-पास हैं। इसी वजह से इसका नाम पंचवटी पड़ा था। नासिक के पंचववटी क्षेत्र में सीता माता की गुफा के पास पांच प्राचीन वृक्ष है जिन्हें पंचवट के नाम से जाना जाता है। वनवानस के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता ने यहां कुछ समय बिताया था। इन वृक्षों का भी धार्मिक महत्व है। ये पंचवट इस प्रकार हैं-

1. अश्वत्थ

2. आमलक

3. वट

4. विल्ब

5. अशोक

अनिरुद्ध जोशी|

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