धर्म-अध्यात्म

क्रिसमस डे 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है, जानें महत्व

Bhumika Sahu
24 Dec 2021 4:40 AM GMT
क्रिसमस डे 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है, जानें महत्व
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हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन शुरू हो गया है। इस दिन को खास बनाने के लिए सभी लोग अपने- अपने हिसाब से तैयारियां करते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन शुरू हो गया है। इस दिन को खास बनाने के लिए सभी लोग अपने- अपने हिसाब से तैयारियां करते हैं। क्रिसमस के साथ कुछ मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। क्रिसमस डे (Christmas Day) के दिन सैंटा क्लॉज का बच्चे बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। दरअसल सैंटा क्लॉज क्रिसमस के दिन बच्चों के लिए कई सारे गिफ्ट लेकर आता है। सैंटा क्लॉज को एक देवदूत की तरह माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि वह बच्चों के लिए चॉकलेट, गिफ्ट सभी चीजें स्वर्ग से लेकर आता है और वापस वहीं चला जाता है।

25 दिसम्बर को ही इसलिए मनाते हैं क्रिसमस
क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। लेकिन 336 ई। पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया।
क्रिसमस के दिन रात में अपने घर के बाहर जुराबे क्यों सुखाते हैं बच्चे?
क्रिसमस के दिन कुछ देशों में ईसाई परिवारों के बच्चे रात के समय अपने-अपने घरों के बाहर अपनी जुराबें सुखाते भी देखे जा सकते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि सांता क्लॉज रात के समय आकर उनकी जुराबों में उनके मनपसंद उपहार भर जाएंगे।


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