धर्म-अध्यात्म

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कौन पहन सकते है ये रत्न

Apurva Srivastav
6 Feb 2023 2:56 PM GMT
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कौन पहन सकते है ये रत्न
x
यह रत्न जहां रुके कार्यों पूर्ण करने का कार्य करता हैं, वहीं जीवन के हर क्षेत्र में सफलता देता है
ज्योतिष विज्ञान (Astrology) में गोमेद को एक खूबसूरत रत्न माना गया है, जो जीवन को सुंदर बना देता है। गोमेद सबसे लाभदायक रत्नों में से एक माना गया है। गोमेद (Gomed Ratna) राहु ग्रह से संबंधित रत्न माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप ग्रह माना जाता है अत: ज्योतिषाचार्यों द्वारा राहु के दुष्प्रभावों को समाप्त करने के लिए गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखने योग्य यह है कि गोमेद के साथ माणिक्य, मूंगा और पुखराज नहीं पहनना चाहिए।
यह रत्न जहां रुके कार्यों पूर्ण करने का कार्य करता हैं, वहीं जीवन के हर क्षेत्र में सफलता देता है। ज्योतिषियों की मानें तो जन्म कुंडली की दशाओं को जानकर ही इस रत्न को धारण करना उचित रहता है। इतना ही नहीं गोमेद ब्‍लड कैंसर, कम सुनाई देना, आंखों तथा जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों से भी निजात दिलाता है।
गोमेद एक चमकदार और अपारदर्शी रत्न है। यह गहरे भूरे अथवा लाल रंग की तरह होता है। इसे गारनेट समूह का रत्न माना जाता है। यह दुनिया में कई स्थानों पर पाया जाता है। गोमेद मुख्य रूप से यह भारत, श्रीलंका और ब्राजील में आसानी से मिल जाता है तथा साउथ अफ्रीका, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी यह रत्न पाया जाता है।
राहु ग्रह से संबंधित इस रत्न को हिन्दी में गोमेद (Gomed) और अंग्रेजी में हैसोनाइट स्टोन (Hessonite Stone) कहते हैं। गोमेद रत्न 6 रत्ती से कम का धारण नहीं करना चाहिए। यह रत्न शनि की होरा में शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार को पहनना अतिशुभ माना गया है। यदि शनिवार के दिन शतभिषा, स्वाती या आर्द्रा नक्षत्र में इसे धारण किया जाए तो गोमेद की शुभता अधिक बढ़ जाती है।
रत्न धारण करने की विधि- गोमेद रत्न की अंगूठी को सबसे पहले गंगा जल, दूध, शहद और मिश्री के घोल में डालकर एक रात उसमें ही रहने दें। तत्पश्चात 'ॐ रां राहवे नम:' मंत्र का 108 बार जाप करके कनिष्का में धारण करना चाहिए।
किस अंगुली में धारण करें- इसे चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वा कर पहनना उचित रहता है। राहु का रत्न गोमेद को कनिष्का ऊंगली में पहनना चाहिए, क्योंकि मिथुन राशि में उच्च का होने से बुध की अंगुली कनिष्का में पहनना शुभ फलदायी रहता है। यह राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है। गोमेद धारण करने से राहु की दशा-महादशा को दुष्प्रभावों से निजात मिलती है। यह रत्न शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला भी माना जाता है, इतना ही नहीं इसे धारण करने से सकारात्मक विचार, एकाग्रता और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
कौन धारण करें- इसे राजनीतिज्ञ, जासूसी, जुआ, सट्टा खेलने वाले तथा तंत्र या मंत्र विद्या से जुड़े व्यक्ति पहनते हैं।
कौन ना पहने ये रत्न- जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु 5वें, 8वें 9वें 11वें या 12वें स्थान पर हो उन्हें गोमेद धारण नहीं करना चाहिए। इससे नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है तथा जिनका व्यापार-व्यवसाय राहु ग्रह से संबंधित हो उन्हें भी यह रत्न नहीं पहनना चाहिए।
Tagsगोमेदonyxवास्तु दोषवास्तु दोष उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyAstrologyताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारदैनिक समाचारभारत समाचारखबरों का सिलसीलादेश-विदेश की खबरTaaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsNews WebdeskToday's Big NewsToday's Important NewsHindi NewsBig NewsCountry-World NewsState-wise Hindi NewsToday's Newsnew newsdaily newsindia newsseries of newsnews of country and abroad
Apurva Srivastav

Apurva Srivastav

    Next Story