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धर्म-अध्यात्म
शनि ढैय्या का 10 सालों में किन राशि पर होगा प्रभाव, जानें इनके उपाय
Apurva Srivastav
2 Jun 2021 9:33 AM GMT
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शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कुछ राशियों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाती है।
शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कुछ राशियों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाती है। शनि की साढ़े साती महादशा की तरह ही शनि ढैय्या भी जातक को कष्ट देती है। शनि ढैय्या के दौरान जातक को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। इस समय शनि अपनी स्वराशि मकर में हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल का वक्त लेते हैं। शनि की सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल होती है। शनि 29 अप्रैल 2022 को राशि करते हुए मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। जानिए आने वाले 10 सालों में किन राशियों पर होगा शनि ढैय्या का असर-
साल 2023 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर ही शनि ढैय्या का असर रहेगा।
साल 2024 में भी शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
साल 2025 में 29 मार्च को शनि राशि परिवर्तन करते हुए मीन राशि में गोचर करेंगे। जिससे कर्क व वृश्चिक राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। साल 2023 में सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी।
साल 2026 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
साल 2027 में 3 जून शनि मेष राशि में गोचर करेंगे। जिससे सिंह और धनु राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी और कन्या व कन्या राशि वालों पर इसका प्रभाव शुरू होगा। इस दौरान मीन, मेष और वृषभ राशि वालों शनि की साढ़े साती चलेगी।
साल 2028 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
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साल 2029 में 8 अगस्त को शनि वृषभ राशि में गोचर करेंगे। जिससे कुंभ और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं, मेष, वृषभ और मिथुन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चलेगी।
साल 2030 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
साल 2031 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
शनि ढैय्या के उपाय-
शनि ढैय्या के दौरान व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए। इस दौरान दोस्ती करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। हर दिन चिड़ियों को पानी और दाना खिलाना चाहिए। इसके अलावा चीटियों को मीठा खिलाने से भी लाभ होता है। काली उड़द, काले वस्त्र, तिल आदि का दान करना चाहिए। शनि ढैय्या के दौरान मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। हनुमान जी की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए। पीपल के वृक्ष के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
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