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धर्म-अध्यात्म
खरमास के दिनों में कौन-कौन से शुभ कार्य हैं वर्जित? जल्दी जानें
Gulabi
8 Dec 2021 6:05 AM GMT
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हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह में सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं
Kharmas 2021: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह में सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्यदेव का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। हालांकि, जब सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जब सूर्यदेव ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं, तो रथ में कार्यरत अश्व थक जाते हैं। उनको विश्राम देने हेतु सूर्यदेव खर को रथ में बांधकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। खर की गति धीमी होने के चलते किसी तरह एक माह का चक्र पूरा होता है। इसके बाद पुनः अश्वों को बांधकर परिक्रमा की। इसके लिए हर वर्ष खरमास लगता है। ज्योतिषों की मानें तो सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश से दोनों राशियों के स्वामी बृहस्पति देव का प्रभाव कम या शून्य हो जाता है। इसके चलते खरमास में शुभ कार्य करने की मनाही है। आइए जानते हैं कि खरमास में कौन से कार्य वर्जित हैं-
-कारोबार का श्रीगणेश न करें। अगर आप किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं, तो खरमास में बिल्कुल न करें। शास्त्रों में मलमास, चतुर्मास और खरमास में कारोबार का श्रीगणेश करने की मनाही है।
-परनिंदा और देवी-देवताओं के प्रति अप्रिय शब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
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