धर्म-अध्यात्म

कब रखा जाएगा भीष्म पंचक व्रत, जानिए तिथि और पूजा की विधि

Bhumika Sahu
3 Nov 2022 2:15 PM GMT
कब रखा जाएगा भीष्म पंचक व्रत, जानिए तिथि और पूजा की विधि
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जानिए तिथि और पूजा की विधि

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सबका अपना महत्व होता है वही महाभारत काल के पितामह भीष्म के नाम पर भीष्म पंचक का त्योहार मनाया जाता है पंचांग के अनुसार यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष् की एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण होता है इस व्रत का खास महत्व होता है

योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने इस पर्व की स्थापना की थी यह सर्व पप नाशक और अक्षय फल दायक व्रत के तौर पर जाना जाता है इस बार यह व्रत 4 नवंबर दिन शुक्रवार यानी कल मनाया जाएगा। इस दिन विधिवत पूजा पाठ करने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और सुख समृद्धि का आगमन होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भीष्म पंचक व्रत से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
भीष्म पंचक व्रत की विधि—
धार्मिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन स्नान करने के बाद घर के आंगन या फिर नदी तट पर चार द्वार वाले मंडप बनाकर उसे गोबर से लीप कर बाद में वहां वेदी बनाकर तिल भकर कलश की स्थापना करें इसके बाद ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र से भगवान वासुदेव की पूजा करें
पांच दिनों तक लगातार घी का दीपक जलाकर मौन होकर मंत्र का जाप करना चाहिए इसके बाद ॐ विष्णवे नमः स्वाहा मंत्र से घी, तिल और जौ की 108 आहुतियां देकर हवन करें फिर पांचों दिन काम, क्रोध का त्याग कर ब्रह्मचर्य का पालन करें फिर चतुर्दशी और पूर्णिमा को निराहार व्रत रखकर गरीबों के भोजन कराकर अपने व्रत का पारण करें मान्यता है कि इस दिन दान करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
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