धर्म-अध्यात्म

कब मनाई जाएगी षट्तिला एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त एवं विधि

Triveni
3 Feb 2021 4:48 AM GMT
कब मनाई जाएगी षट्तिला एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त एवं  विधि
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हिंदू धर्म में माघ का महीना पवित्र और पावन होता है इस मास में व्रत और तप का बड़ा ही महत्व है.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू धर्म में माघ का महीना पवित्र और पावन होता है इस मास में व्रत और तप का बड़ा ही महत्व है. इस माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षट्तिला कहते हैं. षट्तिला एकादशी के दिन मनुष्य को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखना चाहिए. इस साल षट्तिला एकादशी व्रत 7 फरवरी 2021 (रविवार) को रखा जाएगा.

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi Shubh Muhurat)
षटतिला एकादशी रविवार, फरवरी 7, 2021 को
एकादशी तिथि प्रारंभ – 06:26 फरवरी 07, 2021
एकादशी तिथि समाप्त – 04:47 फरवरी 08, 2021
षट्तिला एकादशी व्रत कथा- (Shattila Ekadashi Katha)
एक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में पृथ्वी लोक पर एक विधवा ब्राह्मणी रहती थी. जो मेरी बहुत बड़ी भक्त थी और पूरी श्रद्धा से मेरा पूजन किया करती थी. एक बार की बात है कि उस ब्राह्मणी ने पूरे एक माह तक व्रत रखकर मेरी उपासना की.
व्रत के प्रभाव से उसका शरीर तो शुद्ध हो गया परंतु वह ब्राह्नणी कभी अन्न दान नहीं करती थी. तब एक दिन भगवान विष्णु स्वयं उस ब्राह्मणी के पास भिक्षा मांगने पहुंचे. जब विष्णु देव ने भिक्षा मांगी तो उसने एक मिट्टी का पिण्ड उठाकर उन्हें दे दिया. इसके बाद भगवान विष्णु ने कहते हैं कि जब ब्राह्मणी देह त्याग कर मेरे लोक में आई तो उसे यहां एक खाली कुटिया और आम का पेड़ प्राप्त हुआ.
खाली कुटिया को देखकर ब्राह्मणी ने प्रश्न किया कि मैं तो धर्मपरायण हूं फिर मुझे खाली कुटिया क्यों मिली? तब मैंने बताया कि यह अन्नदान नहीं करने तथा मुझे मिट्टी का पिण्ड देने के कारण हुआ है. तब भगवान विष्णु ने उस ब्रह्माणी को बताया कि जब देव कन्याएं आपसे मिलने आएं, तब आप अपना द्वार तभी खोलना जब वो आपको षटतिला एकादशी के व्रत का विधान बताएं. इसके बाद ब्राह्मणी ने पूरे विधि-विधान के साथ षटतिला एकादशी का व्रत किया. जिससे उसकी कुटिया धन धान्य से भर गई.
षटतिला एकादशी व्रत विधि (Shattila Ekadashi Vrat Vidhi)
षटतिला एकादशी के दिन स्‍नान करें. साफ वस्‍त्र धारण करें. श्री हरि विष्‍णु का स्‍मरण करें और व्रत का संकल्‍प लें. घर के मंदिर में श्री हरि विष्‍णु की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं.
भगवान विष्‍णु की प्रतिमा या फोटो को वस्‍त्र पहनाएं. प्रसाद व फलों का भोग लगाएं. षटतिला एकादशी के दिन काले तिल के दान का बड़ा महत्त्व है. भगवान विष्‍णु को पंचामृत में तिल मिलाकर स्‍नान कराएं. इस व्रत को रखने से आरोग्यता प्राप्त होती है. अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
भगवान को धूप-दीप दिखाकर विधिवत् पूजा-अर्चना करें, आरती उतारें. पूरे दिन निराहार रहें. शाम के समय कथा सुनने के बाद फलाहार करें. रात में जागरण करें.


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