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भगवान विष्णु के 24 स्वरूपों में मत्स्य, कूर्म, वराह, वामन, परशुराम, श्रीराम, बुद्ध, श्री कृष्ण और कल्कि अवतार प्रमुख हैं।
विष्णु पुराण में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा, तब-तब भगवान विष्णु ने विभिन्न स्वरूपों में अधर्म का नाश किया। बता दें कि भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार के रूप में पूजा जाता है। यही कारण है कि सभी मांगलिक कार्यों व नित पूजा-पाठ में भगवान विष्णु का आह्वान निश्चित रूप से किया जाता है। श्रीमद्भागवत पुराण में बताया गया है कि कलयुग में भगवान विष्णु काल रूप अर्थात भगवान कल्कि के रूप में अवतरित होंगे। आइए जानते हैं भगवान कल्कि से जुड़ी कथा और उनके अवतरण का समय व उद्देश्य।
कब अवतरित होंगे भगवान कल्कि?
श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में बताया गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि का जन्म होगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि भगवान कल्कि का अवतरण सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होगा। यही कारण है कि प्रतिवर्ष इस तिथि को कल्कि जयंती के रूप में मनाई जाती है। श्रीमद्भागवत पुराण में भगवान विष्णु के इस अवतार का उल्लेख विस्तार से किया गया है।
भगवान कल्कि के अवतरण का क्या है उद्देश्य?
भगवान विष्णु के 24 स्वरूपों में मत्स्य, कूर्म, वराह, वामन, परशुराम, श्रीराम, बुद्ध, श्री कृष्ण और कल्कि अवतार प्रमुख हैं। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार अब तक पृथ्वी पर 23 बार भगवान विष्णु अवतरित हो चुके हैं। जब कलयुग खत्म होगा और सतयुग का प्रारंभ होने वाला होगा तब भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतरित होंगे। इनका यह स्वरूप 64 कलाओं से परिपूर्ण होगा और यह सफेद घोड़े पर सवार होंगे। कल्कि रूप में भगवान विष्णु पापियों का सर्वनाश करके पृथ्वी पर पुनः धर्म की स्थापना करेंगे। मान्यता यह भी है कि भगवान कल्कि के अवतरण से सतयुग का आरंभ हो जाएगा।
कलयुग के अंत में बढ़ेगा पाप का बोलबाला
महाकाव्य महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी ने हजारों वर्ष पूर्व यह भविष्यवाणी की थी जैसे-जैसे कलयुग का समय बीतेगा, पृथ्वी पर अत्याचार और पाप बढ़ता जाएगा। साथ ही सभी लोग पाप के भागीदार होते जाएंगे। राजा शुद्र समान हो जाएंगे, व्यक्ति में संस्कारों का नाश हो जाएगा, शिष्य गुरु के उपदेशों का पालन नहीं करेंगे, लोग वेदों का पालन नहीं करेंगे। वहीं हत्या और लूट की घटनाएं बढ़ जाएंगी और धर्म की नीतियां खत्म हो जाएंगी। जब यह सब अपने चरम पर होगा, तब भगवान कल्कि अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतरित होंगे।
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Apurva Srivastav
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