धर्म-अध्यात्म

इस साल कब पड़ेगी गुरु पूर्णिमा, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व जानें

SANTOSI TANDI
2 July 2023 1:17 PM GMT
इस साल कब पड़ेगी गुरु पूर्णिमा, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व जानें
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इस साल कब पड़ेगी गुरु पूर्णिमा
हिंदू धर्म में किसी भी पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। खासतौर पर आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि जिसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से गुरु की पूजा की जाती है और उनका आशीष लिया जाता है।
हमारे देश में सदियों से गुरु को सभी देवताओं से उच्च स्थान दिया जाता है और उनके चरणों में मस्तक झुकाने का विधान है। गुरु हमें ज्ञान से आलोकित करके अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं और उनके सम्मान में इस पर्व को मनाया जाता है।
इसमें गुरु की पूजा के साथ भगवान विष्णु जी की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। यह त्योहार पूरे देश में पूरी आस्था और भावनाओं के साथ मनाया जाता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और इसका महत्व क्या है।
गुरु पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 3 जुलाई, सोमवार के दिन पड़ेगी।
गुरु पूर्णिमा आरंभ - 2 जुलाई, रात्रि 08 बजकर 21 मिनट से
गुरु पूर्णिमा समापन- 3 जुलाई, सायं 5 बजकर 08 मिनट पर
चूंकि गुरु पूर्णिमा उदया तिथि के अनुसार 3 जुलाई को है, इसलिए यह पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है जो गुरु या किसी भी आध्यात्मिक शिक्षक को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह उनका आभार व्यक्त करने का भी एक तरीका है। गुर शब्द संस्कृत शब्द के गु से शुरू होता है, जिसका अर्थ है अंधकार और रु का अर्थ है दूर करना।
अर्थात गुरु का मतलब है अंधकार को दूर करना। इसलिए गुरु वह होता है जो जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है। चूंकि गुरु पूर्णिमा का पर्व किसी भी गुरु को समर्पित है इसलिए इसका विशेष महत्व होता है। गुरु पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इसका जिक्र ऋग्वेद जैसे ग्रंथों में भी मिलता है।
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा हमारे जीवन में गुरु के महत्व को दिखाने का दिन होता है। यदि आपके कोई गुरु हैं तो आप उन्हें आराध्य मानकर उनकी पूजा इस विशेष दिन कर सकते हैं। यदि आपके कोई गुरु नहीं हैं तो आप भगवान विष्णु का इस दिन पूजन कर सकते हैं।
इस दिन प्रात:काल जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से मुक्त होकर पूजा के स्थान की सफाई करें और सुनिश्चित करें कि आप साफ़ या नए वस्त्र धारण करें। अपने गुरु की तस्वीर मंदिर में स्थापित करें या विष्णु जी की तस्वीर भी स्थापित करें।
विष्णु जी को फूल (इन फूलों से भगवान विष्णु को करें प्रसन्न) अर्पित करें और गुरु की तस्वीर में तिलक लगाएं।
यदि आपके कोई गुरु हैं तो आप उन्हें वस्त्र आदि उपहार में दें और उनके चरणों का स्पर्श करें।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
गुरु पूर्णिमा के बारे में कई कथाएं हैं जिनमें से एक है कि एक बार जब भगवान शिव हिमालय में ध्यान कर रहे थे उस समय सप्तऋषि उनके पास आए और उन्हें योग का मार्ग सिखाने के लिए कहा।
भगवान शिव इस बात से सहमत हो गए और वे उनके गुरु बन गए। उस समय पूर्णिमा तिथि थी इसलिए तब से इस पर्व को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा। दूसरी कहानी भगवान् बुध से जुड़ी है कि भगवान बुध ने अपना पहला उपदेश आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही दिया था और उनके कई शिष्यों ने इस उपदेश को ग्रहण किया था। तभी से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है और इस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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