धर्म-अध्यात्म

जनवरी में कब- कब रखा जाएगा एकादशी व्रत.....नोट कर लें डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और पारणा टाइम

Bhumika Sahu
8 Jan 2022 6:36 AM GMT
जनवरी में कब- कब रखा जाएगा एकादशी व्रत.....नोट कर लें डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और पारणा टाइम
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हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है और एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित होता है। आइए जानते हैं जनवरी में एकादशी व्रत डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और पारणा टाइम...

पौष पुत्रदा एकादशी- 13 जनवरी, 2022
पौष मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 12, 2022 को 04:49 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - जनवरी 13, 2022 को 07:32 पी एम बजे
14 जनवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:15 ए एम से 09:21 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 10:19 पी एम
षटतिला एकादशी- 28 जनवरी, 2022
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है।
मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 28, 2022 को 02:16 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - जनवरी 28, 2022 को 11:35 पी एम बजे
29 जनवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:11 ए एम से 09:20 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:37 पी एम
एकादशी पूजा- विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।


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