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धर्म-अध्यात्म
आस्था का महापर्व चैती छठ कब से होगा शुरू,जानें
Ritisha Jaiswal
16 April 2021 5:19 AM GMT
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आज नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व चैती छठ प्रारंभ हो गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व चैती छठ प्रारंभ हो गया है. चैती छठ में सूर्य देव की उपासना (Worship Sun God) की जाती है. यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी यूपी में मनाया जाता है लेकिन अब यह समस्त भारत में मनाया जाने लगा है. छठ पर्व साल भर में 2 बार मनाया जाता है. चैत्र माह में छठ को चैती छठ कहते हैं और एक छठ कार्तिक माह में भी पड़ता है जिसकी मान्यता अधिक है. पौराणिक मान्यता है कि छठ व्रत से संतान की प्राप्ति होती है. इसके पीछे, वैज्ञानिक मान्यता है कि गर्भाशय मजबूत होता है. आज व्रत के बाद भक्त चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का सेवन करेंगे.
खरना कब है:
खरना कल यानी कि 17 अप्रैल को है. खरना के दिन सुबह से लेकर शाम तक भक्त निर्जल उपवास रखते हैं. शाम को दूध और गुड़ की खीर बनाकर भगवान को अर्पित की जाती है. रात्रि में चंद्र देव के दर्शन के बाद ही जल पिया जाता है. इसके बाद से 36 घंटे का उपवास शुरू हो जाता है. . खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग और आंख की पीड़ा समाप्त हो जाती है. वहीं इसके प्रसाद से शरीर निरोग होता है बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.
सूर्य देव और छठी मैया की होती है पूजा:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं. यही वजह है कि छठ में सूर्य देव की भी पूजा-अर्चना की जाती है. छठ पर्व में सूर्य देव की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही छठ पर छठी मैया की पूजा का भी विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार छठी मैया या षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं. शास्त्रों में षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहा गया है. पुराणों में इन्हें मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि पर होती है. षष्ठी देवी को ही बिहार-झारखंड की स्थानीय भाषा में छठ मैया कहा गया है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें
Ritisha Jaiswal
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