धर्म-अध्यात्म

कब से शुरू होंगे चातुर्मास

HARRY
15 Jun 2023 6:06 PM GMT
कब से शुरू होंगे चातुर्मास
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 29 जून 2023 से चातुर्मास आरंभ हो जाएंगे। हिंदू धर्म में चातुर्मास का खास महत्व होता है। चातुर्मास जिसका अर्थ होता है चार महीने का समय। विष्णु पुराण के अनुसार सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार महीनों के लिए विश्राम के लिए चले जाते हैं। इस कारण से सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य इन चार महीने के दौरान थम जाते हैं। चातुर्मास लगने के कारण शुभ विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कई तरह के शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं। चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि से होती है और कार्तिक शुक्ल एकादशी पर इसका समापन होता है। चातुर्मास का समय भगवान विष्णु का शयनकाल होता है। हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह तक चातुर्मास चलता है। इस वर्ष अधिकमास के चलते चातुर्मास चार महीनों के बजाय पांच महीनों का होगा। सनातन धर्म में बताया गया है कि चातुर्मास के दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और किन कामों को करने से बचना चाहिए।

1-चातुर्मास के चलते एक ही स्थान पर रहकर जप और तप किया जाता है। ऋषि-मुनि आज भी चातुर्मास पर एक ही स्थान पर रहते हुए जप और तप करते हैं।

2- चातुर्मास में खान-पान, व्रत के नियम और संयम का पालन करना चाहिए।

3- चातुर्मास के इस काल में व्रत-पूजन का विशेष लाभ मिलता है।

4- चातुर्मास के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान करना शुभ फलदायी माना जाता है। इस दौरान लगातार भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए। चातुर्मास में ज्यादा से ज्यादा धर्म-कर्म करने पर साधक को कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

5- चातुर्मास पर पीपल के पेड़ का पेड़ लगना चाहिए और नियमित रूप से उसमें जल अर्पित करना चाहिए। चातुर्मास में साधु-संतों के सानिध्य में सत्संग का लाभ उठाना चाहिए।-चातुर्मास के चार महीने विशेष होते हैं। ऐसे में जब श्रावण का महीना आए तो इसमें पत्तेदार सब्जियों को खाने से बचना चाहिए। इस प्रकार भाद्रपद में दही का सेवन नहीं करना चाहिए। आश्विन में दूध और कार्तिक माह में लहसू-प्यास का त्याग करना चाहिए।

2. चातुर्मास के दौरान पलंग पर नहीं सोना चाहिए।

3. चातुर्मास में किसी प्रकार को कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

4. दूसरों का अन्न नहीं लेना चाहिए।

5. चातुर्मास में बाल काटना निषिद्ध बताया है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए और शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए।

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