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हिंदू पंचांग में हर एक महीने का विशेष महत्व माना गया है. हिंदू कैलेंडर के सभी 12 महीने – चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ तथा फाल्गुन ये होते हैं. सभी महीनों के अपना विशेष महत्व होता है. अब बहुत जल्द ही आषाढ़ का महीना शुरू होने वाला है. आषाढ़ का महीना (Ashadh Month 2023) चौथा महीना होता है. इस महीने भगवान सूर्य की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने के साथ मंगलदेव की पूजा करने की परंपरा है. इसके अलावा आषाढ़ का महीना भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है. तो चलिए जानते हैं हिंदू कैलेंडर यह चौथा महीना कब से शुरू होने वाला है और इस माह का धार्मिक महत्व.
कब से होगी आषाढ़ की शुरुआत? ( Ashadh Month 2023 Starting Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार जब ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा आती है और फिर इसकी समाप्ति होती है, तब अगली तिथि से आषाढ़ महीने की शुरुआत हो जाती है. इस बार आषाढ़ माह (Ashadh Month 2023) के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 4 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और इसी के साथ आषाढ़ महीने की भी शुरूआत भी होने जा रही है. वहीं आषाढ़ के समापन की अगर बात करें, तो इस माह का समापन 3 जुलाई को हो जाएगा.
आषाढ़ माह का महत्व (Ashadh Month Significance)
हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व माना गया है. इस महीने में भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की ही विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. आषाढ़ माह में शिवजी और विष्णुजी दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन से बाधाएं दूर हो जाती है व व्यक्ति को हर एक क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ साथ जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है. इसके अलावा आषाढ़ माह में भगवान सूर्य की पूजा और अर्घ्य देने से धन-संपदा और मान-सम्मान में वृद्धि होती है. आषाढ़ मास में कनेर के फूल,लाल रंग केपुष्प अथवा कमल के फूलों से भगवान की पूजा अर्चना करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. इस माह में विधि विधान से पूजा अर्चना करके अपने जीवन में तमाम सकारात्मक बदलाव लाने के साथ साथ सुख समृद्धि प्राप्ति की जा सकती है.
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Apurva Srivastav
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