धर्म-अध्यात्म

कब मनाई जाएगी अचला सप्तमी, जानिए इसका शुभ मुहूर्त एवं महत्व

Triveni
31 Jan 2021 8:07 AM GMT
कब मनाई जाएगी अचला सप्तमी, जानिए इसका शुभ मुहूर्त एवं महत्व
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हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाई जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाई जाती है। इसे सूर्य सप्तमी, रथ या आरोग्य सप्तमी के नामों से भी जाना जाता है। अगर यह सप्तमी तिथि रविवार को पड़ती है तो इसे अचला भानू सप्तमी कहा जाता है। इस वर्ष यह तिथि 19 फरवरी, शुक्रवार को पड़ रही है। सप्तमी तीथ भगवान सूर्य को समर्पित होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्य देव ने रथ सप्तमी के दिन पूरी दुनिया को ज्ञान देना शुरू किया था जिसे भगवान सूर्य का जन्म दिवस भी कहा जाता है। इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं अचला या रथ आरोग्य सप्तमी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

अचला या आरोग्य सप्तमी का शुभ मुहूर्त:
19 फरवरी, शुक्रवार
रथ सप्तमी के दिन स्नान मूहूर्त- सुबह 5 बजकर 14 मिनट से सुबह 6 बजकर 56 मिनट तक
अवधि- 01 घंटा 42 मिनट
रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय- सुबह 6 बजकर 32 मिनट
रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय- सुबह 6 बजकर 56 मिनट
सप्तमी तिथि प्रारम्भ- 18 फरवरी, गुरुवार को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से
सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी, शुक्रवार सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक
अचला सप्तमी का महत्व:
रथ सप्तमी अत्यधिक शुभ दिन माना गया है। इसे दान-पुण्य करने के लिए सूर्य ग्रह के रूप में शुभ माना जाता है। इस दिन अगर व्यक्ति भगवान सूर्य की पूजा करता है और व्रत का पालन करता है तो उसे सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है। अरुणोदय के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करना एक स्वस्थ और सभी प्रकार की बीमारियों से व्यक्ति को मुक्त रखता है। इसलिए रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में इस दिन स्नान करने का भी अधिक महत्व है।
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