- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- जब ब्रह्माजी के मानस...
जब ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि भृगु ने ली थी त्रिदेव की परीक्षा.....जाने पौराणिक कथा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संसार में त्रिदेव (Trideva) ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सबसे शक्तिशाली माना गया है. सृष्टि की रचना, पालन और संहार का जिम्मा भी त्रिदेव पर ही है. हर कोई अपनी अपनी तरह से प्रभु की आराधना करता है और उनकी कृपा भी प्राप्त करता है. ऐसे में किसको श्रेष्ठ माना जाए, ये निर्धारित करना बहुत मुश्किल है. कहा जाता है कि एक बार सरस्वती नदी के तट पर ये बहस ऋषि और मुनियों के बीच भी हो गई. हर कोई अपने आराध्य की महिमा के गुणगान कर रहा था. जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला, तो सप्त ऋषि मंडल में से एक महर्षि भृगु (Maharishi Bhrigu) ने सोचा कि क्यों न इस बार त्रिदेव की परीक्षा ली जाए. महर्षि भृगु को ब्रह्माजी का मानस पुत्र (Manas son of Brahma) माना जाता है. भृगु का ये विचार अन्य ऋषि और मुनियों को भी पसंद आया और वे सभी इसके लिए तैयार हो गए. यहां पढ़िए पूरी कथा.