धर्म-अध्यात्म

कब है जुलाई में योगिनी एकादशी, जानिए महत्व और पूजा विधि

Tara Tandi
24 Jun 2021 7:35 AM GMT
कब है जुलाई में योगिनी एकादशी, जानिए महत्व और पूजा विधि
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आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। एकादशी तिति भगवान विष्णु को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि एकादशी व्रत के प्रभाव से व्रती सभी सुख-सुविधाओं को भोगकर अंत में मोक्ष को जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 05 जुलाई 2021, दिन सोमवार को है। इस व्रत की महिमा से व्रती को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।

योगिनी एकादशी का महत्व-
योगिनी एकादशी को लेकर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है।
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त-
योगिनी एकादशी 05 जुलाई को रात 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी लग जाएगी। एकादशी व्रत पारण 06 जुलाई 2021, दिन मंगलवार को होगा।
एकादशी पूजा विधि-
एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद साफ वस्‍त्र धारण करके एकादशी व्रत का संकल्‍प लें।

- उसके बाद घर के मंदिर में पूजा करने से पहले एक वेदी बनाकर उस पर 7 धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें।
- वेदी के ऊपर एक कलश की स्‍थापना करें और उसमें आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं।
- अब वेदी पर भगवान विष्‍णु की मूर्ति या तस्‍वीर रखें।
- इसके बाद भगवान विष्‍णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें।
- फिर धूप-दीप से विष्‍णु की आरती उतारें।
- शाम के समय भगवान विष्‍णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें।
- रात्रि के समय सोए नहीं बल्‍कि भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
- अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
- इसके बाद खुद भी भोजन कर व्रत का पारण करें।


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