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मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है. इस दिन दोपहर तक गणेश जी की पूजा कर लेते हैं और व्रत रखते हैं. इस व्रत में चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे झूठा कलंक लगता है. चतुर्थी व्रत करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय समय के बारे में.
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी 2022
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 नवंबर दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है और यह तिथि 27 नवंबर रविवार को शाम 04 बजकर 25 मिनट तक मान्य रहेगी. उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी व्रत 27 नवंबर को रखा जाएगा.
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त
जो लोग 27 नवंबर को मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी व्रत रखेंगे, वे दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 12 मिनट के मध्य गणेश जी की पूजा करेंगे. यह विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त है.
विनायक चतुर्थी पर दो शुभ योग
विनायक चतुर्थी के दिन दो शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं. 27 नवंबर को सुबह 06 बजकर 53 मिनट से रवि योग लग रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर अगले दिन 28 नंवबर को सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं.
विनायक चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का उदय सुबह 10 बजकर 28 मिनटपर होगा और चंद्रास्त रात को 08 बजकर 49 मिनट पर होगा. इस व्रत में चंद्रमा की दर्शन वर्जित है. इस वजह से आपको पहले ही चंद्रोदय समय बताया जा रहा है ताकि आप उस दिन समय पर अपनी पूजा कर लें और चंद्रमा को न देखें.